आमने सामने कानपुर नगर के डीएम और सीएमओ,भाजपा विधायकों ने खूब चलाए लेटर बम,
कोई बांट रहा ईमानदारी का सर्टिफिकेट तो कोई बोला सीएमओ महा बेईमान
1 months ago
Written By: विनय के.सिंह
लखनऊ. कानपुर नगर के जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह और सीएमओ डॉ हरिदत्त नेमी के बीच विवाद दिनोदिन बढ़ता जा रहा है। सीएमओ के बचाव में विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना के मैदान में उतरने के बाद कई भाजपा विधायकों की एक फौज उनके समर्थन में खड़ी हो गई है। सतीश महाना के बाद अब भाजपा के कई विधायक सीएमओ हरिदत्त नेमी के समर्थन में खड़े हो गए हैं और उन्हें ईमानदार करार करने की जिम्मा उठा चुके हैं। उधर भाजपा के ही दो ऐसे भी विधायक हैं जिन्होंने सीएमओ के भ्रष्टाचार की पोल खोल कर रख दी है। उसमें बिठूर से बीजेपी विधायक अभिजीत सिंह सांगा और दूसरे किदवई नगर विधानसभा सीट से बीजेपी विधायक महेश त्रिवेदी। इन दो विधायकों ने सीएमओ पर भ्रष्टाचार के तमाम आरोप लगाए हैं। खैर ये मामला अब कानपुर से निकलकर शासन तक पहुंच गया है। आइये इस पूरे मामले को सिलसिलेवार ढंग से समझते हैं।
DM ने किया CMO को CM डैशबोर्ड की बैठक से बाहर
जिलाधिकारी जितेन्द्र प्रताप सिंह ने 18 जनवरी को जिले का काम संभालने के बाद ही सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर औचक जांच की तो स्वास्थ्य विभाग में लापरवाही की पोल खोली। उन्होंने कई डॉक्टरों, कर्मियों का वेतन काटने के साथ कार्रवाई की। जिलाधिकारी जितेन्द्र प्रताप सिंह ने सीएमओ के विरुद्ध शासन को पत्र लिखा तो सीएमओ के कई आडियो व वीडियो प्रचलित हुए। डीएम ने जब इन्हें लेकर सवाल किए तो उन्होंने इसे एआई का खेल बता दिया। इससे नाराज डीएम ने पिछले दिनों उन्हें सीएम डैश बोर्ड की बैठक से बाहर कर पहले मुकदमा दर्ज कराने को कहा था।
फिर सीएमओ की लापरवाही के विरुद्ध डीएम ने शासन को लिखा। उसके बाद से दोनों अफसरों के बीच वार चल ही रहा था कि बीच में एंट्री हो गई यूपी के विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना की। उन्होंने सूबे के UP मुख्यमंत्री और डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक को पत्र लिखकर सीएमओ के ईमानदारी की तारीफ की और उनका तबादला ना करने का अनुरोध किया। तब से एक के बाद एक भाजपा विधायकों के पत्र सामने आ रहे हैं। सतीश महाना के आलावा सुरेश मैथानी, अरुण पाठक, जहां सीएमओ के ईमानदारी का सर्टिफिकेट तक देने को तैयार हैं तो वहीं अभिजीत सिंह सांगा और महेश त्रिवेदी सीएमओ का महा बेईमान बताने में जुटे हुए हैं।
सतीश महाना का करीबी बताया जा रहा सीएमओ
सीएमओ डॉ हरिदत्त नेमी यूपी के विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना का करीबी बताया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों के मुताबिक डीएम के खिलाफ लड़ाई लड़ने की ताकत उन्हें भाजपा के ही एक सीनियर नेता से ही मिल रही है। पांच माह पहले शासन के निर्देशों पर जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने कानपुर नगर के विभिन्न सीएचसी, पीएचसी और अस्पतालों का निरीक्षण किया था, इस दौरान उन्हें मरीजों और डाक्टरों की फर्जी प्रविष्टियां भी मिली थी। उन्होंने इस भ्रष्टाचार की शिकायत शासन को भी की थी, लेकिन शासन ने कोई कार्रवाई नहीं की। इस दौरान सीएमओ और बिगड़ैल होते चले गए और लगातार अनुशासन हीनता करने लगे।
सीएमओ के समर्थन वाले तीनों नेताओं के पत्रों में एक ही भाषा
सीएमओ के समर्थन में जिन नेताओं ने पत्र लिखा है, गौर करने वाली बात यह है कि तीनों पत्रों की भाषा एक ही है। बस पैड अलग-अलग नेताओं का है। तीनों नेताओं ने अपने पत्र में सीएमओ का व्यवहार मृदुल और सराहनीय बताया है। तीनों ने एक ही लाइन में स्थानांतरण रोकने की बात की है। तीनों नेताओं के पत्रों में लिखे गए शब्दों का कामा, बिंदी और पाई भी नहीं बदली गई है। इसका अर्थ यह है कि एक ही व्यक्ति नेताओं का या तो पैड इस्तेमाल कर रहा है या फिर टेक्स मैटर नेताओं को देकर टाइप करा दे रहा है।
बिठूर विधायक का विरोध में पत्र
कानपुर के बिठूर विधायक अभिजीत सिंह सांगा द्वारा मुख्यमंत्री को लिखे गए पत्र में सीएमओ के आचरण का विरोध करते हुए उनके स्थानांतरण की मांग की गई है। उन्होंने पत्र के माध्यम से बताया कि सीएमओ डॉ हरिदत्त नेमी के कार्यकाल में स्वास्थ्य विभाग में जबरदस्त भ्रष्टाचार व्याप्त है। दवाइयों और उपकरणों की खरीद फरोख्त में भी भ्रष्टाचार है। मरीजों को प्राइवेट अस्पतालों में भेज कर लूटा जा रहा है। सीएमओ को तत्काल जनपद से हटाया जाए।
चुप्पी साधे है विभाग
विगत दो हफ्ते से कानपुर नगर में चल रहे विवाद के बीच स्वास्थ्य महकमा चुप्पी साधे हुए है। चर्चाओं एनेक्सी भवन से लेकर कानपुर तक चल रही, लेकिन विभाग के किसी अधिकारी में यह साहस नहीं कि वह सीएमओ के खिलाफ कार्रवाई कर सके। प्रदेश के मुख्यसचिव से लेकर प्रमुख सचिव तक सब चुप्पी साधे बैठे हैं। इसका कारण सीएमओ के पीछे खड़े ताकतवर लोग बताए जा रहे हैं।
जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह भी अड़े
इस पूरे प्रकरण पर जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह का फिलहाल कोई बयान तो नहीं आ रहा है, लेकिन कानपुर जिला प्रशासन के सूत्रों के मुताबिक वह अडिग बताए जा रहे हैं। प्रशासनिक अधिकारियों का मानना है कि वह अनुशासित और मर्यादित आचरण के दायरे में रहते हुए शासन के निर्देशों का पालन कर रहे हैं। प्रशासनिक अमले से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक जिलाधिकारी ने शासन के समक्ष सीएमओ की सारी कारस्तानियां खोलकर रख दी है। अब शासन को फैसला लेना है कि सीएमओ डॉ हरिदत्त नेमी स्थानांतरित होंगे अथवा जिले में तैनात रहेंगे। फिलहाल दोनों के बीच तल्खियां इतनी बढ़ चुकी है कि जिले में सरकारी कार्य प्रभावित हो रहे हैं। बताया तो यह भी जा रहा है कि कानपुर जिले के स्वास्थ्य विभाग से जुड़े लोग भी सीएमओ के वर्ताव से खुश नहीं हैं।