कानपुर कमिश्नरेट से 224 पुलिसकर्मी रहस्यमयी तरीके से गायब ?
विभाग में मचा हड़कंप
2 months ago
Written By: NEWS DESK
उत्तर प्रदेश के कानपुर कमिश्नरेट से बेहद हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहाँ तैनात 224 पुलिसकर्मी बीते छह महीनों से ड्यूटी पर नहीं आ रहे हैं और उनका कोई अता-पता भी नहीं है। ये घटना सामने आने के बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है और आला अधिकारी भी इस रहस्य को सुलझाने में जुटे हुए हैं।
मोबाइल फोन बंद, लोकेशन अज्ञात
हिंदी समाचार पत्र i next की एक रिपोर्ट के अनुसार, न तो ये पुलिसकर्मी अपने गृह जनपद में पाए गए हैं, न ही उनके घरों पर उनकी मौजूदगी मिली है। सबसे चिंताजनक बात यह है कि इन सभी के मोबाइल फोन भी बंद आ रहे हैं, जिससे उनकी लोकेशन का कोई सुराग नहीं मिल पा रहा।
नोटिस के बावजूद नहीं मिला कोई जवाब
कानपुर पुलिस कमिश्नरेट की ओर से इन गायब पुलिसकर्मियों को लेकर दो बार नोटिस भेजा जा चुका है। इसके बावजूद किसी भी पुलिसकर्मी की ओर से कोई उत्तर नहीं आया। इस पर कानपुर के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने यूपी पुलिस मुख्यालय को भी स्थिति से अवगत करा दिया है।
गायब पुलिसकर्मियों में कौन-कौन शामिल?
प्राप्त जानकारी के अनुसार, लापता 224 पुलिसकर्मियों में 109 सिपाही, 57 महिला सिपाही, 34 पुरुष दारोगा, 24 महिला दारोगा शामिल हैं। वहीं इनमें से 167 पुलिसकर्मी सामान्य बल से हैं जबकि 57 ट्रैफिक डिपार्टमेंट से ताल्लुक रखते हैं। इनमें से 39 पुलिसकर्मी विभागीय कार्रवाई के बाद डिसलोकेट हो गए थे, जबकि 20 पुलिसकर्मी 6 महीने से गैरहाजिर हैं, 34 पुलिसकर्मी छुट्टी लेकर गए लेकिन लौटे नहीं, 27 पुलिसकर्मी छुट्टी खत्म होने के बाद भी नदारद हैं।
ड्यूटी से नदारद होने के बहाने भी तैयार
सूत्रों के मुताबिक, कुछ पुलिसकर्मियों की ड्यूटी कुंभ मेले में लगी थी और वे तब से वापस नहीं लौटे हैं। कुछ ने मेडिकल लीव ली थी और कुछ ने शादी या अन्य व्यक्तिगत कारणों से छुट्टी ली, लेकिन इनमें से कोई भी निर्धारित समय पर अपनी पोस्ट पर नहीं लौटा। अधिकारियों का यह भी कहना है कि अक्सर ऐसे मामले में पुलिसकर्मी गंभीर बीमारी या वरिष्ठ अधिकारी की सिफारिश के कागज लेकर लौटते हैं और बाद में सेवा बहाल भी हो जाती है।
प्रशासन की अगली रणनीति
पुलिस विभाग इस पूरे मामले की गहराई से जांच कर रहा है। जिन पुलिसकर्मियों ने बिना सूचना के लंबी छुट्टी ली है, उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की तैयारी की जा रही है। यह पहली बार नहीं है जब यूपी पुलिस में इस प्रकार की अनुशासनहीनता देखने को मिली हो, लेकिन एक साथ इतनी बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों का गायब हो जाना न सिर्फ कानून व्यवस्था के लिए गंभीर संकेत है, बल्कि विभागीय जवाबदेही पर भी सवाल खड़े करता है।