कानपुर CMO विवाद पर हाई कोर्ट सख्त, पूरा रिकार्ड तलब,
चार्ज लेने से रोकने वाले आफसरों पर गिर सकती है गाज
8 days ago
Written By: State Desk
उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में सीएमओ पद पर तैनात डॉक्टर हरिदत्त नेमी के निलंबन के मामले ने अब न्यायिक रुख अख्तियार कर लिया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने डॉक्टर नेमी को चार्ज लेने से रोकने वाले अफसरों को कड़ी फटकार लगाई है। कोर्ट ने आदेश के उल्लंघन और प्रशासनिक अवमानना पर तीखी नाराजगी जताई और कहा कि यदि रिकॉर्ड में हेराफेरी पाई गई, तो जिम्मेदार अफसरों पर कड़ी कार्रवाई होगी।
अवमानना याचिका पर सख्त रुख
डॉ. नेमी ने हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दायर की थी, जिसमें प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा, डीएम कानपुर जितेंद्र प्रताप सिंह, एडीएम राजेश कुमार, एसीपी अभिषेक पांडे, चकेरी एसओ संतोष शुक्ला और वर्तमान सीएमओ डॉ. उदयनाथ को विपक्षी पक्षकार बनाया गया है। डॉ. नेमी को 16 जून को निलंबित कर दिया गया था और उनकी जगह डॉ. उदयनाथ को कार्यभार सौंपा गया। लेकिन हाईकोर्ट ने 7 जुलाई को इस निलंबन आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी थी। इसके बावजूद जब डॉ. नेमी कोर्ट आदेश की कॉपी लेकर कार्यालय पहुंचे तो अफसरों ने न सिर्फ उन्हें चार्ज लेने से रोका बल्कि बदसलूकी भी की।
कोर्ट ने तलब किया पूरा रिकॉर्ड
जिसके बाद हाईकोर्ट ने 28 जुलाई को सुबह 11 बजे पूरे मामले का रिकॉर्ड पेश करने का निर्देश दिया है। अदालत ने स्पष्ट कहा है कि आदेशों की अवहेलना लोकतंत्र और न्याय व्यवस्था का अपमान है। याची की ओर से कोर्ट को घटना के फोटो भी प्रस्तुत किए गए हैं।
सरकार ने चार्ज सौंपा, मगर सवाल बाकी
हालांकि सरकार ने अब कोर्ट के आदेश के अनुपालन में 16 जुलाई को डॉ. हरिदत्त नेमी को सीएमओ का चार्ज सौंप दिया है, लेकिन हाईकोर्ट ने यह स्पष्ट कर दिया है कि इस तरह की अवमानना पर जिम्मेदार अफसरों को बख्शा नहीं जाएगा। यह मामला प्रशासनिक व्यवस्था और न्यायिक आदेशों के सम्मान के बीच टकराव का प्रतीक बन गया है। अब देखना है कि 28 जुलाई को हाईकोर्ट क्या रुख अपनाता है और क्या दोषी अफसरों पर कार्रवाई होती है।