हाईकोर्ट के आदेश के बाद डॉ. हरिदत्त नेमी दोबारा पहुंचे सीएमओ ऑफिस,
प्रशासनिक हलकों में असमंजस
17 days ago
Written By: STATE DESK
उत्तर प्रदेश के कानपुर में मंगलवार 9 जुलाई को स्वास्थ्य विभाग में अजीब स्थिति उत्पन्न हो गई, जब निलंबन और स्थानांतरण के बाद हटाए गए मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) डॉ. हरिदत्त नेमी एक बार फिर अपने कार्यालय पहुंच गए। वहीं, कुछ दूरी पर हाल ही में नियुक्त किए गए मौजूदा सीएमओ डॉ. उदयनाथ भी मौजूद रहे। यह स्थिति उस वक्त बनी जब हाईकोर्ट ने नेमी के निलंबन पर अंतरिम रोक लगा दी। डॉ. हरिदत्त नेमी ने मंगलवार को अपने पुराने कार्यालय में दोबारा कार्यभार संभाल लिया। उन्होंने यह कदम इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ द्वारा उनके निलंबन और स्थानांतरण आदेश पर अंतरिम रोक लगाए जाने के बाद उठाया।
क्यों निलंबित हुए थे डॉ. नेमी?
आपको बताते चलें कि, डॉ. नेमी का कानपुर के जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह से लंबे समय से टकराव चल रहा था। इसी विवाद के बाद उन्हें 19 जून 2025 को निलंबित कर लखनऊ के महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवा कार्यालय से संबद्ध कर दिया गया था। उनकी जगह पर श्रावस्ती के अपर सीएमओ डॉ. उदयनाथ को कानपुर का नया मुख्य चिकित्सा अधिकारी नियुक्त कर दिया गया था।
डॉ. उदयनाथ ने क्या कहा?
वहीं जब पत्रकारों ने मौजूदा सीएमओ डॉ. उदयनाथ से इस असमंजस के बारे में सवाल किया तो उन्होंने कहा है कि, “डॉ. नेमी ने हाईकोर्ट के आदेश पर कार्यभार संभाला है, लेकिन यह आदेश प्रमुख सचिव के माध्यम से आना चाहिए था। मेरा स्थानांतरण भी प्रमुख सचिव के आदेश से हुआ था, और अब कोई बदलाव भी वहीं से होना चाहिए। फिलहाल मैं ही कानपुर का सीएमओ हूं।”
हाईकोर्ट ने क्या कहा?
जस्टिस मनीष माथुर की अध्यक्षता वाली लखनऊ पीठ ने डॉ. नेमी के निलंबन को प्रथम दृष्टया नियम विरुद्ध माना और अगली सुनवाई तक उस पर रोक लगा दी। साथ ही राज्य सरकार को चार सप्ताह के भीतर जवाबी हलफनामा दाखिल करने के निर्देश दिए गए हैं। याचिका में कहा गया था कि डॉ. नेमी को बिना किसी विभागीय जांच और सुनवाई के निलंबित किया गया, जो कि नियमों के खिलाफ है। अदालत ने माना कि याचिकाकर्ता के वकील एल. पी. मिश्रा की दलीलों में दम है और उस पर विचार की आवश्यकता है।
डॉ. नेमी का बयान
वहीं, फैसले के बाद डॉ. नेमी ने कहा, “हाईकोर्ट का यह आदेश प्रशासनिक कार्यों में निष्पक्षता और कानून के शासन को मजबूती देता है। मैं कानपुर लौटकर स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर करने के लिए प्रतिबद्ध हूं।”