झांसी में महिला सिपाही ने दरोगा से की लव मैरिज, गांव में हुक्का-पानी बंद,
पंचायत ने परिवार पर लगाया 20 लाख का जुर्माना
1 months ago
Written By: STATE DESK
उत्तर प्रदेश के झांसी जिले से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक महिला सिपाही द्वारा अंतरजातीय विवाह करने पर उसके परिवार को सामाजिक बहिष्कार का सामना करना पड़ रहा है। टोड़ी फतेहपुर क्षेत्र के बचेड़ा गांव की रहने वाली महिला सिपाही ने लखनऊ में तैनात एक दरोगा से प्रेम विवाह किया था, जो कि पटेल समाज से हैं। विवाह दोनों परिवारों की सहमति से 30 अप्रैल 2025 को संपन्न हुआ। लेकिन लड़की के यादव समाज से होने और लड़के के पटेल समाज से होने के कारण गांव की पंचायत भड़क गई।
पंचायत का तुगलकी फरमान
मिली जानकारी के मुताबिक, शादी के बाद 13 मई को गांव में एक पंचायत बुलाई गई, जिसमें अंतरजातीय विवाह को ‘अपराध’ करार दिया गया। पंचायत ने लड़की के माता-पिता पर 20 लाख रुपये का जुर्माना ठोक दिया। साथ ही यह फरमान भी सुना दिया गया कि गांव में कोई भी व्यक्ति उनसे बात नहीं करेगा और कोई लेन-देन नहीं होगा। जो भी इस आदेश का उल्लंघन करेगा, उस पर 50 हजार रुपये का अतिरिक्त जुर्माना लगाया जाएगा।
सामाजिक बहिष्कार से परिवार परेशान
लड़की के पिता चिरंजीलाल यादव के अनुसार, पंचायत के फैसले के बाद न सिर्फ गांव वालों ने उनसे बातचीत बंद कर दी, बल्कि उनकी डेयरी से दूध लेना भी बंद कर दिया गया है। इससे उनका रोजगार भी प्रभावित हो गया है। लड़की की मां का कहना है कि गरीब होने के कारण वे इतने बड़े जुर्माने की रकम नहीं दे सकते। उन्होंने सवाल उठाया कि जब दोनों लड़का-लड़की नौकरी में हैं, तो शादी से किसे परेशानी हो रही है?
पुलिस पर भी उठे सवाल
आरोप हैं कि, 13 मई को हुई पंचायत के बाद पीड़ित परिवार ने स्थानीय थाने में शिकायत दी, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की और उन्हें समझाकर लौटा दिया। हार कर परिवार 9 जून को सम्पूर्ण समाधान दिवस में पहुंचा। वहां भी पहले उन्हें गेट पर ही रोक दिया गया और काफी देर बाद अंदर जाने दिया गया।
एसएसपी ने दिए कड़े निर्देश
वहीं समाधान दिवस के दौरान मामले की जानकारी मिलते ही एसएसपी बीबीजीटीएस मूर्ति ने इस पर संज्ञान लिया और थानाध्यक्ष टोड़ीफतेहपुर को तलब कर तुरंत रिपोर्ट देने के निर्देश दिए। इसके बाद पुलिस ने गांव के प्रधान के पिता संतोष यादव समेत अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया।