भारत के ट्राई-सर्विसेज युद्धाभ्यास से पाकिस्तान में मचा हड़कंप,
वेस्टर्न बॉर्डर पर हाई अलर्ट जारी
3 days ago Written By: Aniket Prajapati
पाकिस्तान इन दिनों अपने ही जाल में उलझा हुआ है। अफगान बॉर्डर पर तालिबान, देश के अंदर TTP और BLA जैसे आतंकी संगठनों ने प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ और आर्मी चीफ जनरल आसिम मुनीर को नाको चने चबवा दिए हैं। अब भारत के एक बड़े कदम से पड़ोसी देश की नींद उड़ गई है। भारत ने 30 अक्टूबर से 10 नवंबर 2025 तक के लिए NOTAM (Notice to Airmen) जारी किया है, यानी इन 12 दिनों के दौरान एक बड़ा क्षेत्र नो फ्लाई ज़ोन रहेगा। खास बात यह है कि यह क्षेत्र भारत-पाकिस्तान की पश्चिमी सीमा से सटा हुआ है।
पाकिस्तान में बढ़ी हलचल
भारत के इस कदम से पाकिस्तान के सैन्य ठिकानों में हड़कंप मच गया है। CNN-News18 की रिपोर्ट के अनुसार, भारत का यह 10-दिवसीय ट्राई-सर्विसेज (थलसेना, नौसेना और वायुसेना) युद्धाभ्यास पाकिस्तान की सिंध-सर क्रीक-कराची बेल्ट के पास होगा। इस्लामाबाद ने तुरंत अपने कई सैन्य कमांड और एयरबेस हाई अलर्ट पर रख दिए हैं। सूत्रों का कहना है कि भारत के इस अभ्यास से पाकिस्तान के सैन्य अधिकारियों में बेचैनी और घबराहट साफ झलक रही है।
पाकिस्तानी सेना की अफरातफरी
एक शीर्ष पाकिस्तानी सुरक्षा अधिकारी ने बताया कि सिंध और दक्षिण पंजाब की सभी कमांड्स को अलर्ट पर रखा गया है। बहावलपुर स्ट्राइक कोर, कराची कोर और वायुसेना बेस जैसे शोरकोट, रहिम यार खान, जैकबाबाद, भोलारी और कराची एयरबेस को भी स्टैंडबाय पर रखा गया है। यहां तक कि अरब सागर में नौसेना की गश्त बढ़ाने का आदेश दिया गया है। पाकिस्तान को डर है कि भारत के इस संयुक्त युद्धाभ्यास में कराची और उसके तटीय ढांचे को टारगेट करने की क्षमता का प्रदर्शन किया जा सकता है।
भारत का दक्षिणी फोकस, कराची पर नज़र
पाकिस्तान को सबसे बड़ा डर भारत के साउथ सेक्टर से है। सूत्रों के मुताबिक, भारत का यह अभ्यास इस बात का साफ संकेत है कि भारत सिर्फ कश्मीर या पंजाब में नहीं, बल्कि कई मोर्चों पर एक साथ कार्रवाई करने की क्षमता रखता है। कराची और बिन कासिम पोर्ट्स के जरिए पाकिस्तान के 70% व्यापार होने के कारण यह इलाका रणनीतिक रूप से बेहद संवेदनशील है।
पाकिस्तान की कमजोर नस पर वार
रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि सर क्रीक-बादिन-कराची बेल्ट पाकिस्तान की सैन्य दृष्टि से सबसे कमजोर कड़ी है। यहां का सपाट भूभाग और सीमित सुरक्षा इसे और असुरक्षित बनाता है। अगर इस इलाके में कोई भी सैन्य कार्रवाई होती है, तो कराची को देश के बाकी हिस्सों से अलग किया जा सकता है। वहीं, TTP और BLA जैसे आतंकी संगठनों से जूझ रही पाकिस्तानी सेना पहले से ही भीतरी दबाव में है।
भारत का जवाब "यह रूटीन है"
भारत के रक्षा मंत्रालय ने साफ किया है कि यह सामान्य प्रशिक्षण अभ्यास है, जिसका उद्देश्य तीनों सेनाओं की संयुक्त तैयारी को मजबूत करना है। अधिकारियों का कहना है कि ऐसी गतिविधियां नियमित होती हैं और अंतरराष्ट्रीय सीमाओं पर इनका मकसद युद्ध की नहीं, बल्कि ऑपरेशनल तैयारी की जांच होता है।