नशे का बढ़ता जाल... जहरीले कफ सीरप से मौतें,
अब टूटी विभागों की नींद
5 days ago Written By: संदीप शुक्ला
देश में नशे का संकट लगातार गहराता जा रहा है। कभी गांजा, चरस, अफीम और शराब ने लोगों की ज़िंदगी बर्बाद की, तो अब जहरीले कफ सीरप का मामला सामने आकर चिंता बढ़ा रहा है। हालात ऐसे हैं कि नशे की लत में लोग अपने ही घर उजाड़ रहे हैं। कोई नशा न मिलने पर हिंसा पर उतर आता है, तो कोई नशे में धुत होकर सड़कों, नालों और कूड़े के ढेरों पर पड़ा मिलता है। अब जहरीले कफ सीरप की वजह से कई लोगों की जान तक चली गई है। इतनी मौतों के बाद जाकर विभागों की नींद खुली और तस्करों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई तेज की गई।
जहरीले कफ सीरप से बढ़ा खतरा हाल ही में कई मामलों में जहरीले कफ सीरप पीने के बाद लोगों की मौतें सामने आईं। इसने पूरे देश और प्रदेश में हड़कंप मचा दिया। अफसरों पर सवाल उठने लगे कि आखिर ऐसा खतरनाक कारोबार लंबे समय से कैसे चलता रहा? मौतों के बाद संबंधित विभाग हरकत में आए और तस्करों व सप्लायर्स पर कड़ी कार्रवाई शुरू की गई।
2015 की भयानक घटना आज भी याद यह पहला मौका नहीं है जब नशे ने बड़ी संख्या में जानें ली हैं। वर्ष 2015 में माल, मलिहाबाद और काकोरी सहित कई गांवों में जहरीली शराब पीने से पांच दर्जन से अधिक लोगों की मौत हुई थी। उस समय भी आबकारी विभाग और पुलिस ने बड़े स्तर पर अभियान चलाया था, लेकिन कुछ ही समय बाद मामला ठंडे बस्ते में चला गया।
लंबे समय से चलता आ रहा है नशे का गंदा कारोबार सच्चाई यह है कि नशे का कारोबार कोई नया नहीं है। यह कई वर्षों से समाज में गहराता जा रहा है। पर चिंता की बात यह है कि अधिकारी तब सक्रिय होते हैं जब कोई बड़ी घटना होती है, जबकि नशे का फैलता हुआ जाल पहले से दिखाई देता रहता है। लगातार सामने आने वाली घटनाएं बता रही हैं कि नशे की समस्या पर गंभीर और स्थाई कार्रवाई की जरूरत है।
समाज में जागरूकता की भी जरूरत विशेषज्ञों का मानना है कि नशे के खिलाफ अभियान चलाने के साथ-साथ समाज में जागरूकता भी जरूरी है। परिवार, स्कूल और समुदाय सभी को मिलकर इस खतरे को रोकने के प्रयास करने होंगे, वरना नशे का यह अंधेरा और गहराता जाएगा।