हापुड़ की बारिश ने खोली नगर पालिका की पोल,
सरकारी अस्पताल और पुलिस चौकी हुई पानी-पानी
1 months ago
Written By: STATE DESK
हापुड़: उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले में रविवार देर रात मॉनसून की पहली मूसलाधार बारिश ने नगर पालिका की तैयारियों की पोल खोल दी। बारिश के कुछ ही घंटों में शहर की सड़कें दरिया बन गईं और कई महत्वपूर्ण स्थान जलभराव की चपेट में आ गए। सबसे ज्यादा असर गढ़ रोड स्थित सरकारी अस्पताल और गढ़ गेट पुलिस चौकी पर देखने को मिला, जहां पानी भर जाने से हालात बदतर हो गए।
सरकारी अस्पताल बना तालाब, मरीजों को भारी दिक्कत
मिली जानकारी के मुताबिक़, जिले के गढ़ रोड स्थित सरकारी अस्पताल में पानी इस कदर भर गया कि, प्रवेश द्वार से लेकर इमरजेंसी वार्ड और ओपीडी तक करीब एक फीट तक पानी जमा हो गया। मरीजों और उनके तीमारदारों को अस्पताल तक पहुंचने के लिए कीचड़ और गंदे पानी से होकर गुजरना पड़ा। स्ट्रेचर और व्हीलचेयर पर मरीजों को लाने-ले जाने में अस्पताल कर्मचारियों को भारी मशक्कत करनी पड़ी।
बारिश का पानी अस्पताल परिसर में घुसने से स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह से प्रभावित हुईं। गंदगी और जलभराव के चलते संक्रमण का खतरा भी बढ़ गया है। मरीजों के साथ आए तीमारदारों का कहना है कि स्थिति भयावह है। एक तीमारदार प्रहलाद ने बताया, "अस्पताल में हर तरफ पानी और कीचड़ फैला है। नगरपालिका ने नालों की सफाई नहीं कराई, इसलिए ये हालात बने हैं।"
पुलिस चौकी में भी भरा पानी
वहीं, इस बारिश ने गढ़ गेट पुलिस चौकी के बाहर भी जलभराव ने मुसीबत खड़ी कर दी। यहां एक से दो फीट तक पानी भर गया, जिससे पुलिसकर्मियों और आम नागरिकों को आवाजाही में परेशानी हुई। शहर की कई सड़कों पर पानी भरने से यातायात भी प्रभावित हुआ।
नगरपालिका की लापरवाही पर उठे सवाल
वहीं, स्थानीय लोगों ने हापुड़ नगर पालिका की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए हैं। लोगों का कहना है कि हर साल मानसून से पहले नालों की सफाई का दावा किया जाता है, लेकिन जमीन पर कुछ नजर नहीं आता। नतीजा यह होता है कि बरसात के शुरुआती दौर में ही शहर जलमग्न हो जाता है। लोगों ने चिंता जताई है कि "अभी तो मॉनसून की शुरुआत है, अगर आने वाले दिनों में लगातार बारिश होती रही, तो हालात और भी बेकाबू हो सकते हैं।" नगर पालिका द्वारा कोई ठोस इंतजाम न किए जाने से हर साल शहर के नागरिक जलभराव और गंदगी की मार झेलते हैं, लेकिन जिम्मेदार अफसरों पर कोई कार्रवाई नहीं होती।