लंदन से MBA, गाजियाबाद में फर्जी एंबेसडर,
3 साल से चार देशों की नकली एंबेसी चला रहा था हर्षवर्धन जैन
2 days ago
Written By: Ashwani Tiwari
Fake Embassy Racket in Ghaziabad: दिल्ली से सटे गाजियाबाद में एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने सभी को हैरान कर दिया है। यहां एक व्यक्ति अपने घर से ही चार देशों की फर्जी एंबेसी चला रहा था। महंगी गाड़ियों, डिप्लोमैटिक नंबर प्लेट और विदेशी झंडों से सजा यह घर लोगों को असली दूतावास जैसा दिखता था। लेकिन जब नोएडा STF ने जांच की, तो सारा फर्जीवाड़ा सामने आ गया। आरोपी हर्षवर्धन जैन को 22 जुलाई को गिरफ्तार कर लिया गया है। मामला अब राष्ट्रीय सुरक्षा और धोखाधड़ी जैसे गंभीर सवालों को खड़ा कर रहा है।
कैसे चला रहा था एंबेसी का खेल
हर्षवर्धन जैन गाजियाबाद के कवि नगर इलाके में KB-45 नंबर कोठी में रहता था। इस कोठी को उसने चार देशों – वेस्ट आर्कटिका, पौल्विया, सबोर्गा और लोडोनिया की दूतावास बना रखा था। तीन साल से वह खुद को इन देशों का एंबेसडर बताकर लोगों को गुमराह कर रहा था। घर के बाहर विदेशी झंडों के साथ खड़ी डिप्लोमैटिक नंबर प्लेट लगी महंगी गाड़ियां हर किसी का ध्यान खींचती थीं। इससे वह लोगों पर प्रभाव जमाता और खुद को बेहद प्रभावशाली साबित करता था।
अंतरराष्ट्रीय पढ़ाई और चंद्रास्वामी से कनेक्शन
हर्षवर्धन जैन कोई मामूली व्यक्ति नहीं है। उसने लंदन के कॉलेज ऑफ अप्लाइड साइंस से एमबीए किया है और गाजियाबाद के ITS कॉलेज से भी पढ़ाई की है। उसके पिता का बड़ा मार्बल माइंस का बिजनेस था, लेकिन पिता की मौत के बाद परिवार आर्थिक तंगी में आ गया। तभी उसकी मुलाकात विवादित बाबा चंद्रास्वामी से हुई। चंद्रास्वामी ने उसे लंदन भेजा, जहां उसने फर्जी कंपनियों के जरिए कथित रूप से काले धन को सफेद करने का धंधा शुरू कर दिया।
गिरफ्तारी और अब तक की जांच
22 जुलाई को नोएडा STF ने कार्रवाई करते हुए हर्षवर्धन जैन को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में सामने आया कि वह इन चार देशों की एंबेसी के नाम पर लोगों को ठग रहा था। अब जांच एजेंसियां उसकी शिक्षा, बैंकिंग लेनदेन, विदेशी संपर्कों और फर्जी कंपनियों की पड़ताल में जुट गई हैं। जिस तरीके से वह तीन साल तक सबको चकमा देता रहा, उसने सिस्टम की सतर्कता पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।