छांगुर बाबा की इस किताब में लिखा है हिंदू लड़कियों को मुस्लिम बनाने का पूरा फॉर्मूला,
जानें कैसे किया जाता था गुमराह
12 days ago
Written By: Ashwani Tiwari
Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश के बलरामपुर में अवैध धर्मांतरण के मामले में गिरफ्तार किए गए जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा को लेकर एटीएस की जांच में बड़ा खुलासा हुआ है। एटीएस को उसके ठिकाने से शिजर-ए-तैय्यबा नामक एक किताब मिली है, जिसे खुद छांगुर बाबा ने छपवाया था। यह किताब लव जिहाद और जबरन धर्मांतरण को बढ़ावा देने के लिए इस्तेमाल की जा रही थी। इसमें मुस्लिम युवकों को हिंदू लड़कियों को प्रेम जाल में फंसाकर उन्हें इस्लाम धर्म अपनाने के लिए प्रेरित करने की मनोवैज्ञानिक तकनीकें बताई गई हैं।
किताब में लिखा है इस्लाम के लिए मर-मिटने वाली सेना का जिक्र
सूत्रों के अनुसार, शिजर-ए-तैय्यबा सिर्फ धार्मिक किताब नहीं, बल्कि एक ब्रेनवॉश गाइड है। इसमें एक ऐसी सेना का जिक्र है जो इस्लाम के लिए जान देने को तैयार हो। किताब में बताया गया है कि किस तरह से लोगों को इस्लाम की ओर आकर्षित करने की मुहिम चलाई जानी चाहिए। माना जा रहा है कि यह किताब छांगुर बाबा ने सिर्फ प्रचार पाने के लिए नहीं, बल्कि अपने नेटवर्क को मजबूत करने और धर्मांतरण के एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए तैयार करवाई थी।
लड़कियों को फंसाने की रणनीति थी किताब में दर्ज
किताब में खासतौर पर हिंदू लड़कियों को निशाना बनाकर धर्म परिवर्तन कराने की योजना शामिल है। इसमें युवकों को टिप्स दिए गए हैं कि कैसे वे प्रेमजाल बिछाकर लड़कियों का माइंडसेट बदलें और बाद में उन्हें इस्लाम में परिवर्तित करें। एटीएस के मुताबिक यह किताब धार्मिक आयोजनों, सोशल मीडिया और नेटवर्किंग के ज़रिए फैलाई जा रही थी।
विदेशी फंडिंग और हवाला से जुड़े हैं तार
एटीएस ने छांगुर बाबा और उसकी साथी नीतू उर्फ नसरीन को 5 जुलाई को लखनऊ के एक होटल से गिरफ्तार किया था। दोनों अभी सात दिन की हिरासत में हैं। जांच में सामने आया है कि छांगुर बाबा को नेपाल और खाड़ी देशों से करीब 500 करोड़ रुपये की फंडिंग मिली, जिसमें से 300 करोड़ अवैध हवाला चैनल से आए।
ईडी ने भी शुरू की जांच, मिली करोड़ों की संपत्ति
मनी लॉन्ड्रिंग की जांच में प्रवर्तन निदेशालय ईडी ने भी हाथ बढ़ा दिए हैं। अब तक छांगुर के 18 बैंक खातों से 68 करोड़ रुपये के लेनदेन का पता चला है। बलरामपुर में उसका 5 करोड़ रुपये का अवैध बंगला भी ध्वस्त कर दिया गया है। एटीएस और ईडी अब उसके शेष बैंक खातों, विदेश संपर्कों और इस किताब के वितरण नेटवर्क की जांच कर रही हैं। बता दें कि यह मामला अब सिर्फ एक धर्मांतरण का नहीं, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेशी फंडिंग से जुड़े गंभीर षड्यंत्र की तरफ इशारा कर रहा है। जांच अभी जारी है और कई बड़े नामों के उजागर होने की भी पुरी संभावना है।