कोडवर्ड्स, विदेशी फंडिंग और धर्मांतरण की चक्रव्यूह,
छांगुर बाबा से पूछताछ में कोडवर्ड्स डिकोड
14 days ago
Written By: STATE DESK
उत्तर प्रदेश में अवैध धर्मांतरण के रैकेट का खुलासा करने वाली यूपी एटीएस को अब इस मामले में नए अहम सुराग मिले हैं। गिरफ्तार मास्टरमाइंड जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा की पूछताछ में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। ATS को पता चला है कि छांगुर बाबा एक पूरी साजिश के तहत कोडवर्ड का इस्तेमाल करता था, जिससे धर्मांतरण की गतिविधियों को गुप्त रखा जा सके।
कोडवर्ड्स की परतें खुलीं
पूछताछ में खुलासा हुआ है कि, छांगुर बाबा "मिट्टी पलटना" शब्द का इस्तेमाल धर्मांतरण के लिए करता था। वहीं "काजल करना" का अर्थ था, मानसिक रूप से प्रभावित करना और "दर्शन" का मतलब होता था किसी लड़की को बाबा से मिलवाना। इससे यह स्पष्ट होता है कि पूरे नेटवर्क में हर बातचीत को कोड में ढाल कर चलाया जाता था ताकि जांच एजेंसियों की निगाहों से बचा जा सके। "प्रोजेक्ट" शब्द से लड़कियों को बुलाया जाता था, और युवाओं को शादी या निकाह का झांसा देकर धर्मांतरण के लिए उकसाया जाता था। विदेश भेजने, स्कॉलरशिप और मुफ्त इस्लामी शिक्षा के लालच में कई युवा इस रैकेट के शिकार हुए।
विदेश भेजने और फर्जी सपनों का व्यापार
पूछताछ में खुलाशा हुआ है कि, छांगुर बाबा नेपाल और खाड़ी देशों के संपर्कों का हवाला देकर युवाओं को गुमराह करता था। कई युवाओं को विदेश में नौकरी, मुफ्त पढ़ाई और बेहतर जीवन का लालच देकर इस्लाम अपनाने के लिए प्रेरित किया गया। यह पूरी प्रक्रिया एक रणनीति के तहत संचालित होती थी जिसमें आर्थिक सहायता और मानसिक प्रभाव का गहरा खेल चलता था।
ईसाई मिशनरियों से भी सांठगांठ
पूछताछ में यह भी सामने आया है कि छांगुर बाबा ने नेपाल बॉर्डर से सटे सात संवेदनशील जिलों में सक्रिय कुछ ईसाई मिशनरियों से भी गठजोड़ कर रखा था। इन मिशनरियों के वालंटियर कमजोर वर्गों की पहचान कर छांगुर तक जानकारी पहुंचाते थे। इसके बाद चिह्नित परिवारों को धन और अन्य संसाधनों से प्रभावित कर धर्मांतरण कराया जाता था। इस पूरी गतिविधि का लेखा-जोखा नसरीन नामक महिला रखती थी जबकि स्थानीय प्रशासन और पुलिस से निपटने की जिम्मेदारी नवीन उर्फ जमालुद्दीन निभाता था।
देवीपाटन मंडल में बनी थी पूरी चेन
सूत्रों के अनुसार देवीपाटन मंडल में मिशनरियों ने हर वर्ग के अनुसार प्रचारक नियुक्त किए हैं। यह प्रचारक, पास्टर और पादरी लोगों को धीरे-धीरे प्रभावित कर धर्मांतरण की ओर ले जाते थे। कमजोर, बीमार और दलित वर्ग के लोगों को निशाना बनाकर, उन्हें नए जीवन, पैसा और सुविधा का सपना दिखाकर इस्लाम कबूल करवाया जाता था।
"इस्लाम कबूलते ही बदली जिंदगी" – छांगुर का झांसा
छांगुर बाबा हिंदू परिवारों को यह कहकर बरगलाता था कि, इस्लाम कबूलते ही तुम्हारी भी जिंदगी बदल जाएगी। वह नसरीन और जमालुद्दीन उर्फ नवीन की कहानी सुनाता था कि पहले वे सिंधी थे, लेकिन इस्लाम अपनाने के बाद उनके पास आलीशान कोठी और महंगी गाड़ियां हैं।
ईडी की कार्रवाई तेज, बैंक अकाउंट और संपत्तियों की जांच
इस बीच अवैध फंडिंग की जांच कर रही प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने भी अपनी कार्रवाई तेज कर दी है। छांगुर बाबा के करीबी नवीन रोहरा के सात बैंक खातों की जानकारी ईडी को मिल गई है। इसके अलावा डेढ़ दर्जन से अधिक बैंक खातों की जानकारी अभी एकत्र की जा रही है। ईडी ने बलरामपुर और आसपास के जिलों में छांगुर और उसके साथियों द्वारा खरीदी गई संपत्तियों का ब्योरा भी उप निबंधक कार्यालयों से मांगा है। जैसे ही यह रिपोर्टें सामने आएंगी, इस बहुस्तरीय धर्मांतरण रैकेट की परतें और भी गहराई से खुलने की संभावना है।