ATS की रिमांड पर धर्मांतरण रैकेट का सरगना छांगुर बाबा,
रोजाना हो रहे नए खुलासे
16 days ago
Written By: विनय के. सिंह
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में चर्चित धर्मांतरण रैकेट के मास्टरमाइंड छांगुर बाबा उर्फ़ जलालुद्दीन के खिलाफ रोजाना चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। इस रैकेट का दायरा केवल देश में ही नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर तक फैला हुआ बताया जा रहा है। छांगुर बाबा फिलहाल कानून के शिकंजे में है और यूपी एटीएस ने उसके खिलाफ जांच की रफ्तार और तेज कर दी है। फिलहाल आज उसे ATS की रिमांड में भेज दिया गया है।
ATS को मिली रिमांड, पूछताछ तेज
एटीएस को कोर्ट से छांगुर बाबा की सात दिन की पुलिस कस्टडी रिमांड मिल गई है। यह रिमांड 10 जुलाई सुबह 10:00 बजे से 16 जुलाई शाम 5:00 बजे तक मान्य होगी। इसके साथ ही एटीएस छांगुर बाबा और उसकी करीबी सहयोगी नसरीन को लेकर मुख्यालय पहुंच चुकी है, जहां पूछताछ का सिलसिला जारी है। बाबा के साथ फिलालुद्दीन और नीतू को भी हिरासत में लिया गया है।
15 साल पुराना है धर्मांतरण नेटवर्क
प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आई है कि छांगुर बाबा का यह धर्मांतरण नेटवर्क करीब 15 साल पुराना है। आरोप है कि बाबा ने एक संगठित गिरोह के माध्यम से सैकड़ों लोगों का धर्मांतरण करवाया। इसके पीछे न सिर्फ वैचारिक प्रचार, बल्कि आर्थिक प्रलोभन और धोखाधड़ी के तरीके भी अपनाए गए।
अरबों की अवैध संपत्ति और कोठी का खुलासा
एटीएस को अब तक की जांच में छांगुर बाबा की अवैध कोठी और अरबों रुपये की संपत्तियों की जानकारी मिल चुकी है। एजेंसियों का मानना है कि धर्मांतरण के इस नेटवर्क के जरिए न सिर्फ सामाजिक माहौल को प्रभावित किया गया बल्कि अवैध रूप से भारी आर्थिक साम्राज्य भी खड़ा किया गया।
ईडी और ATS की संयुक्त कार्रवाई
छांगुर बाबा के खिलाफ अब एटीएस के साथ ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने भी जांच तेज कर दी है। जांच एजेंसियां इस पूरे रैकेट की आर्थिक जड़ें खंगाल रही हैं, कैसे पैसा जुटाया गया, कहां से फंडिंग आई और किन विदेशी संपर्कों के जरिए यह नेटवर्क संचालित होता रहा।
पूछताछ में क्या जानना चाहती है ATS?
मान जा रहा है कि, रिमांड के दौरान ATS इन बिंदुओं पर छानबीन करेगी-
- धर्मांतरण की प्रक्रिया और मॉड्यूल
- नेटवर्क में शामिल अन्य सहयोगी
- विदेशी फंडिंग और पैसों के स्रोत
- अवैध संपत्तियों की खरीद-फरोख्त
- किस-किस राज्य में फैलाया गया नेटवर्क
अब देखना होगा कि पूछताछ में और कौन-कौन से नाम सामने आते हैं और छांगुर बाबा के इस काले खेल का अंत कब तक होता है।