छांगुर बाबा का काला साम्राज्य: धर्मांतरण से करोड़ों की प्रॉपर्टी,
कोर्ट क्लर्क की पत्नी तक को बनाया पार्टनर, विदेशी फंडिंग और राष्ट्रविरोधी साजिश का खुलासा
19 days ago
Written By: STATE DESK
उत्तर प्रदेश में अवैध धर्मांतरण नेटवर्क चलाने वाले छांगुर बाबा उर्फ जमालुद्दीन को लेकर बड़े-बड़े खुलासे सामने आ रहे हैं। हाल ही में यूपी एसटीएफ ने 50 हजार के इनामी इस आरोपी को बलरामपुर से गिरफ्तार किया था, और अब जांच में सामने आया है कि इसने धर्मांतरण के नाम पर करोड़ों की संपत्तियां अर्जित की थीं।
बाबा की करोड़ों की प्रापर्टी
सूत्रों के मुताबिक, छांगुर बाबा ने महाराष्ट्र के पुणे और लोनावला में करोड़ों की संपत्ति खरीदी थी। लोनावला में उसकी 16 करोड़ की प्रॉपर्टी का पता चला है, जबकि पुणे में भी उसने बड़े स्तर पर निवेश किया था। एसटीएफ की रिपोर्ट के अनुसार, इस नेटवर्क को विदेशों से भारी फंडिंग मिलती थी, जो सीधे धर्मांतरण और राष्ट्रविरोधी गतिविधियों के लिए उपयोग की जाती थी।
कोर्ट क्लर्क की पत्नी को बनाया शेयर होल्डर
ध्यान देने वाली बात ये है कि इस प्रॉपर्टी डील में बलरामपुर के सीजेएम कोर्ट में तैनात क्लर्क राजेश उपाध्याय की पत्नी संगीता को भी शेयर होल्डर बनाया गया था। दरअसल, जब छांगुर बाबा के खिलाफ कोई आवाज उठाता, तो राजेश उपाध्याय कोर्ट से उस पर केस दर्ज कराने में मदद करता, और इसी के बदले में उसकी पत्नी को प्रॉपर्टी में हिस्सेदार बना दिया गया।
18 सदस्यीय नेटवर्क में अब तक चार गिरफ्तार, 14 फरार
एटीएस की जांच में यह भी सामने आया है कि छांगुर बाबा का गिरोह कुल 18 लोगों का नेटवर्क है। इनमें से अब तक 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जबकि 14 अन्य की तलाश जारी है। ये सभी आरोपी अलग-अलग जिलों में फैले हुए हैं, जिनमें गोंडा, सिद्धार्थनगर, आजमगढ़, औरैया और पुणे शामिल हैं।
कोर्ट और तहसीलों तक फैली साजिश की जड़ें
छांगुर बाबा ने अपने नेटवर्क की जड़ें सिर्फ समाज में नहीं, बल्कि तहसील और न्यायालयों तक फैला दी थीं। उसका नेटवर्क युवतियों और नाबालिगों को प्रेम जाल में फंसाकर, प्रलोभन देकर और धमकाकर उनका धर्म परिवर्तन कराता था। जांच एजेंसियों को इस गिरोह के खिलाफ राष्ट्रविरोधी साजिशों में शामिल होने के भी पुख्ता सबूत मिले हैं।
ATS की कार्रवाई से उजागर हुई साजिश की परतें
एसटीएफ की यह कार्रवाई न सिर्फ अवैध धर्मांतरण रोकने की दिशा में एक बड़ी सफलता है, बल्कि यह भी उजागर करती है कि धार्मिक नकाब ओढ़े ये लोग देश के संवैधानिक ढांचे को अंदर से खोखला करने में जुटे थे। लेकिन अब जांच एजेंसियां इनकी जड़ों तक पहुंचने में लगी हैं, और आने वाले दिनों में और भी गिरफ्तारियां हो सकती हैं।