पुलिस के शिकंजे में छांगुर बाबा का राजदार राजेश उपाध्याय,
लखनऊ से किया गया गिरफ्तार, करोड़ों की डील और धर्मांतरण में अहम भूमिका
6 days ago
Written By: Ashwani Tiwari
Changur Baba News: उत्तर प्रदेश के बलरामपुर में सामने आए बड़े धर्मांतरण रैकेट की परतें अब एक-एक कर खुलने लगी हैं। छांगुर बाबा और उनके साथियों के खिलाफ चल रही जांच में अब एक और बड़ा नाम सामने आया है। यूपी एसटीएफ ने बलरामपुर न्यायालय में तैनात रहे लिपिक राजेश कुमार उपाध्याय को लखनऊ से गिरफ्तार कर लिया है। राजेश काफी समय से फरार चल रहा था और अब उसकी गिरफ्तारी से धर्मांतरण नेटवर्क की एक और अहम कड़ी जुड़ गई है।
कौन है राजेश उपाध्याय और क्यों आया जांच के घेरे में
राजेश उपाध्याय मूल रूप से वाराणसी के आदमपुर थाना क्षेत्र के राजघाट मोहल्ले का निवासी है। वर्तमान में वह लखनऊ के चिनहट थाना क्षेत्र के नौबस्ता कला मोहल्ले में रह रहा था। एसटीएफ ने उसे शनिवार को लखनऊ से गिरफ्तार किया। पुलिस को लंबे समय से उसकी तलाश थी। अब उसकी गिरफ्तारी से पूरे नेटवर्क की जांच को नई दिशा मिल गई है।
पुणे की 16 करोड़ की डील ने खोले कई राज
जांच के दौरान यह बात सामने आई कि राजेश उपाध्याय की पत्नी के नाम पर पुणे में एक जमीन है, जिसकी डील करीब 16 करोड़ रुपये में हुई थी। माना जा रहा है कि इस सौदे में छांगुर बाबा के नेटवर्क की अहम भूमिका रही है। आशंका जताई जा रही है कि यह रकम हवाला और धर्मांतरण से जुटाए गए पैसों से जुड़ी हो सकती है। एटीएस अब इस डील की हर पहलू से जांच कर रही है।
काले धन को सफेद करने का भी शक
सूत्रों के मुताबिक राजेश न सिर्फ एक सरकारी कर्मचारी था, बल्कि जमीन सौदों में दलाली का काम कर रहा था। वह काले धन को सफेद करने की गतिविधियों में भी शामिल था। पुणे की डील में उसकी पत्नी का नाम सामने आने के बाद उसकी भूमिका और भी संदिग्ध मानी जा रही है। इस मामले में कई और सरकारी कर्मियों के नाम भी जांच के दायरे में हैं।
अभी और गिरफ्तारी की संभावना
छांगुर बाबा का नेटवर्क कितना बड़ा है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अब तक दर्जनों लोग, जिनमें सरकारी पदों पर कार्यरत व्यक्ति भी शामिल हैं, इस जांच में फंसे हैं। एटीएस को आशंका है कि इस रैकेट से जुड़े कई और चेहरे जल्द बेनकाब हो सकते हैं और उनकी गिरफ्तारियां भी हो सकती हैं।