कभी खटिक, कभी जाटव तो कभी यादव बन गई युवती,
दोस्तों के विवाद में खुला कागजों में जाति घोटाले का राज
1 months ago
Written By: STATE DESK
उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां आरक्षण का लाभ उठाने के लिए एक युवती ने फर्जी जाति प्रमाण पत्रों का सहारा लिया। इस खुलासे के बाद युवती और उसके दोस्त के बीच विवाद इतना बढ़ गया कि दोनों ने एक-दूसरे के खिलाफ शिकायतें करना शुरू कर दिया। अब कोर्ट के आदेश पर युवती समेत पांच लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।
यादव बताकर बढाई नजदीकियां
मामला उसावां थाना क्षेत्र के अहमद नगर रुखाड़ा गांव से जुड़ा है। गांव के रहने वाले प्रमोद राठौर ने बताया है कि, उसहैत थाना क्षेत्र की रहने वाली एक युवती ने खुद को यादव जाति का बताकर उनसे नजदीकी बढ़ाई थी। लेकिन बाद में पता चला कि, वह खटीक जाति से संबंध रखती है। जब प्रमोद ने इसका विरोध किया, तो युवती ने यादव जाति का प्रमाण पत्र दिखा दिया। प्रमोद के मुताबिक, युवती के पास तीन अलग-अलग जातियों- खटीक, यादव (अहीर) और जाटव जाति के फर्जी प्रमाण पत्र मौजूद हैं।
सरकरी नौकरियों के लिये बनाए प्रमाणपत्र
प्रमोद ने आरोप लगाया है कि, युवती ने इन फर्जी प्रमाण पत्रों का इस्तेमाल सरकारी नौकरियों और योजनाओं में आरक्षण पाने के लिए किया है। जब प्रमोद ने इस फर्जीवाड़े का साथ देने से मना किया, तो युवती ने उससे संबंध तोड़कर गांव के ही एक अन्य युवक से नजदीकी बढ़ा ली। प्रमोद का यह भी आरोप है कि, विरोध करने पर युवती ने उसके परिवार के खिलाफ गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज करवा दी, जिसमें एससी/एसटी एक्ट, बलात्कार, छेड़खानी, मारपीट और हत्या के प्रयास जैसी धाराएं शामिल थीं। आरोप है कि, स्थानीय प्रशासन से न्याय न मि। लने पर प्रमोद ने अदालत का रुख किया।
कोर्ट में मामला पहुचने पर खुला राज
कोर्ट में मामला पहुंचने के बाद, प्रमोद ने युवती और उसके परिवार पर घर में घुसकर उनकी मां रामवती की पिटाई, तोड़फोड़, 20 हजार रुपये की नकदी और जेवरात लूटने का भी आरोप लगाया। कोर्ट के आदेश पर उसावां पुलिस ने युवती समेत पांच लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है और जांच शुरू कर दी है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि मामला बेहद गंभीर है और सभी पहलुओं की गहराई से जांच की जा रही है।