झांसी स्टेशन पर बम की अफवाह से मचा हड़कंप,
400 किलोमीटर तक खतरे में रही 1700 यात्रियों की जान
21 days ago
Written By: Ashwani Tiwari
Uttar Pradesh News: झांसी के वीरांगना लक्ष्मीबाई स्टेशन पर शनिवार रात उस वक्त अफरा-तफरी मच गई जब दिल्ली से छत्तीसगढ़ जा रही संपर्क क्रांति एक्सप्रेस को बम की सूचना पर रोका गया। जैसे ही ट्रेन प्लेटफॉर्म पर पहुंची, उसे चारों तरफ से सुरक्षा बलों ने घेर लिया और सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया। दिल्ली से ट्रेन के रवाना होने के 10 मिनट बाद बम की सूचना मिल गई थी, लेकिन फिर भी 400 किलोमीटर तक किसी स्टेशन पर ट्रेन को नहीं रोका गया, जिससे यात्रियों की जान खतरे में बनी रही।
दिल्ली से ट्रेन चलने के 10 मिनट बाद मिली धमकी भरी कॉल
यह ट्रेन हजरत निजामुद्दीन से शाम 5:55 बजे रवाना हुई थी। 6:05 पर रेलवे हेल्पलाइन पर एक कॉल आया जिसमें स्लीपर कोच में बम होने की सूचना दी गई। कॉलर ने खुद को रेल यात्री बताया। मगर ट्रेन तब तक स्टेशन छोड़ चुकी थी और इसका अगला स्टॉपेज झांसी था। इस बीच ट्रेन फरीदाबाद, मथुरा, आगरा, धौलपुर और ग्वालियर जैसे बड़े स्टेशनों से होकर गुजरी, लेकिन कहीं भी नहीं रोकी गई।
दिल्ली से ट्रेन चलने के 10 मिनट बाद मिली धमकी भरी कॉल
रेलवे ने उत्तर प्रदेश जीआरपी मुख्यालय लखनऊ को सूचना दी और झांसी में ट्रेन रोकने का फैसला लिया गया। लखनऊ जीआरपी ने तुरंत कार्रवाई करते हुए प्लेटफॉर्म को छावनी में बदल दिया। ट्रेन 9 मिनट की देरी से रात 11:31 बजे पहुंची। स्टेशन पर पहले से मौजूद अधिकारियों ने आरपीएफ, जीआरपी, डॉग स्क्वायड और बम निरोधी दस्ते के साथ तलाशी अभियान शुरू किया। वहीं यात्रियों और उनके सामान को प्लेटफॉर्म पर उतारकर 50 मिनट तक ट्रेन के सभी 22 कोचों की गहन जांच की गई। किसी तरह की संदिग्ध वस्तु नहीं मिलने पर सभी ने राहत की सांस ली और ट्रेन को रात 12:24 बजे रवाना कर दिया गया।
22 कोच वाली ट्रेन में मची बम की अफवाह से दहशत
इस ट्रेन में करीब 1700 यात्री सफर कर रहे थे। 6 स्लीपर, 5 थर्ड एसी, 1 थर्ड एसी इकोनॉमी, 3 सेकेंड व फर्स्ट एसी और 5 जनरल कोच सहित कुल 22 डिब्बों में सैकड़ों लोग थे, जिनकी जान 400 किलोमीटर तक खतरे में रही। अब सुरक्षा एजेंसियां उस व्यक्ति की तलाश में जुट गई हैं जिसने झूठी सूचना देकर अफरा-तफरी मचाई। कॉलर ने क्यों और कैसे ऐसा किया, इसकी जांच जारी है। वहीं, रेलवे पर यह सवाल भी खड़ा हो रहा है कि जब शुरुआती सूचना मिल गई थी तो ट्रेन को बीच में रोककर जांच क्यों नहीं की गई।