कमरे में खून से लथपथ मिली दवा व्यापारी दंपती की लाशें,
मौके से मिला सुसाइड नोट व सर्जिकल नाइफ, आत्महत्या की बात पर विश्वास नहीं कर पा रहे लोग
2 months ago
Written By: विकास सिंह
सिद्धार्थनगर के ढबेरुआ थाना क्षेत्र के बढ़नी कस्बे से एक दर्दनाक मामला सामने आया है। जहां दवा कारोबारी दंपती की लाशें खून से सनी हालत में कमरे के मिलीं है। मृतकों की पहचान मदन मोहन अग्रवाल (62 वर्ष) और उनकी पत्नी अंजू अग्रवाल (55 वर्ष) के रूप में हुई है। घटना की सूचना पर मौके पर पहुंचे एडिशनल एसपी प्रशांत कुमार, सीओ शोहरतगढ़ सुजीत राय, एसडीएम शोहरतगढ़ राहुल सिंह, एसओ ढेबरुआ गौरव सिंह बढ़नी चौकी प्रभारी अनिरुद्ध सिंह सहित भारी संख्या में पुलिस बल ने मौके मुआयना किया। पुलिस ने मकान को सील कर दिया। वहीं, मौके पर पहुंची फोरेंसिक और स्थानीय पुलिस अलग-अलग पहलुओं पर जांच कर रही है।
ढेबरुआ थाना क्षेत्र के बढ़नी कस्बे के वार्ड नंबर 11 पुलिस चौकी में मदन मोहन अग्रवाल (62 वर्ष) पुत्र रमेश चंद्र अग्रवाल अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक के ऊपर एक फ्लैट में अपनी पत्नी अंजू अग्रवाल (55 वर्ष) तथा सामने के अलग फ्लैट में बड़े बेटे राहुल अग्रवाल (39 वर्ष), बहू श्वेता अग्रवाल, 3 वर्षीय जुड़वा नाती प्रीतीश व नातिन प्रियल के साथ रहते थे। रमेश कस्बे में 'अग्रवाल मेडिकल स्टोर' के नाम से दवा का होल सेल कारोबार करते थे। बगल के फ्लैट में रह रहे अध्यापक दिनेश मिश्र ने बताया कि गुरुवार की सुबह करीब 6 बजे वे अपने फ्लैट से कूड़ा फेंकने निकले हुए थे। इसी दौरान मदन मोहन अग्रवाल, गैलरी से अपने फ्लैट में घुस रहे थे। उनसे नमस्कार हुआ। 10 मिनट बाद बेटे राहुल की तेज आवाज आई पापा क्या हुआ ? मम्मी क्या हुआ ? उन्होंने अपने कमरे से ही पूछा कि क्या हुआ ? जिस पर राहुल बोला कि भैया जल्दी आइए। इसके बाद जब वे मदन मोहन के फ्लैट के अंदर गए तो देखा कि वह लहूलुहान हालत में सोफे पर पड़े हैं। उनके गले पर धारदार हथियार के चोट का निशान है और खून बह रहा था। उनके बगल में चेहरा देखने वाला छोटा शीशा और एक सर्जिकल नाइफ पड़ा था।
हड़बड़ाकर वह मम्मी अंजू अग्रवाल (55 वर्ष) के कमरे में लपका तो वह भी बिस्तर पर खून से लथपथ पड़ी हुई थी। उनके ऊपर चद्दर ओढ़ाया गया है। उठाकर देखा तो उनके गले व सिर से खून बह रहा था और ऊपर से कपड़ा बंधा हुआ है, समीप ही एक हथौड़ी पड़ी हुई थी। इसकी सूचना तुरंत कस्बे में ही रह रहे रिश्तेदारों और पुलिस को दी गई,लगभग आधे घंटे बाद मदन मोहन अग्रवाल और उनकी पत्नी अंजू को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बढ़नी ले गए। जहां डॉक्टरों ने दोनों को मृत घोषित कर दिया गया। पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
बेटे ने बताया मानसिक रूप से परेशान थे पिता
बेटे राहुल अग्रवाल ने बताया कि वह सामने एक अलग फ्लैट में रहता है। उनके पिता मदन मोहन अग्रवाल रोजाना बच्चों को पीने के लिए दूध गर्म करके देते थे। गुरुवार को भी उनकी बेटी प्रियल दूध मांगने के लिए गई तो उन्होंने डांटते हुए कहा कि पापा को भेजो। लगभग 10 मिनट बाद राहुल साढ़े छह बजे मदन मोहन के फ्लैट में अंदर पहुंचे तो अंदर की स्थिति देख सन्न रह गए। राहुल ने बताया कि वो दुकान देखते थे। लेनदेन का काम पापा देखते थे। पहले बैंक का करीब 20 लाख रुपए का कर्ज था, जिसमें लगभग 10-12 लाख रुपए जमा हो गए थे। मंगलवार को पापा बाइक से कहीं गए थे। वापस आकर मानसिक रूप से कुछ परेशान लग रहे थे। इसी दिन उन्होंने मां से एक कागज पर हस्ताक्षर कराया था। पूछने पर बताया कि बैंक में एक खाता है उसी को बंद करवाना है।
इलाके के प्रतिष्ठित व्यवसाई थे मदन मोहन अग्रवाल
मृतक मदन मोहन अग्रवाल कस्बे में रहकर 'अग्रवाल मेडिकल स्टोर' के नाम से दवा की दुकान चलाते थे। मदन मोहन अग्रवाल, मूलतः कानपुर के रहने वाले थे। वह बीते 35 वर्षों से बढ़नी में किराए पर रह रहे थे और क्षेत्र के प्रमुख दवा कारोबारियों में गिने जाते थे। अभी एक सप्ताह पहले कानपुर घूमने गए थे। छोटे बेटे रोहन अग्रवाल (36 वर्ष) की शादी संत कबीरनगर जिले के सहजनवा में हुई है। वह अपने परिवार के साथ वहीं रहता है। इकलौती बेटी खुशबू उर्फ गोल्डी की शादी बलरामपुर में हुई है।
गले पर चोट की गहराई लगा रही आत्महत्या की थ्योरी पर सवालिया निशान
पुलिस घटना को सुसाइड मानकर जांच पड़ताल में जुटी हुई है, लेकिन बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि कोई खुद ही इतनी गहराई से अपना गला कैसे रेत सकता है ? अगर ये आत्महत्या है, तो दोनों पति-पत्नी की एक साथ मौत कैसे हुई ? फिलहाल मामले की गहराई से जांच की जा रही है।
प्राइमरी इन्वेस्टीगेशन में आत्महत्या मान रही पुलिस
सीओ शोहरतगढ़ सुजीत राय के अनुसार मृतकों के बेटे राहुल ने बताया कि पिता भारी कर्ज को लेकर मानसिक तनाव में रहते थे। प्रथम दृष्टया घटना आत्महत्या का प्रतीत हो रहा है। मौके से एक सुसाइड नोट मिला है। जिस पर पति-पत्नी दोनों के हस्ताक्षर हैं। फोरेंसिक रिपोर्ट और सुसाइड नोट की हैंडराइटिंग जांच के बाद ही सच सामने आ सकेगा।