काशी हिंदू विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र को मिला यूरोपीय अंतरराष्ट्रीय सम्मान,
टिकाऊ खेती पर शोध को मिली अंतरराष्ट्रीय पहचान
1 months ago
Written By: Ashwani Tiwari
Uttar Pradesh News: काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के पूर्व छात्र और वर्तमान में पंजाब कृषि विश्वविद्यालय, लुधियाना से पीएचडी कर रहे ऋजु प्रताप सिंह को यूरोप में एक प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय अवॉर्ड मिला है। उन्हें यह सम्मान उनके मास्टर्स कोर्स के दौरान किए गए शोध के लिए प्रदान किया गया, जो BHU के कृषि विज्ञान संस्थान (IAS, BHU) और अंतरराष्ट्रीय धान अनुसंधान संस्थान (IRRI) के सहयोग से किया गया था। ऋजु के शोध में यह साबित हुआ कि संरक्षण कृषि जैसी टिकाऊ खेती पद्धतियां पारंपरिक और महंगी विधियों की तुलना में अधिक लाभकारी और टिकाऊ हैं।
भारतीय छात्र को यूरोप के सबसे बड़े जैव ऊर्जा मंच पर अवॉर्ड
ऋजु को यह सम्मान 33वें यूरोपीय बॉयोमास सम्मेलन और प्रदर्शनी (EUBCE 2025) में दिया गया। यह सम्मेलन बायोमास और सतत जैव ऊर्जा पर केंद्रित है और यूरोप का सबसे बड़ा वैश्विक मंच माना जाता है। खास बात यह रही कि इस सम्मेलन में सम्मानित होने वाले ऋजु एकमात्र भारतीय छात्र थे। इस उपलब्धि ने भारतीय कृषि अनुसंधान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई है।
महामना मालवीय जी के विचारों से मिलती है दिशा
वाराणसी निवासी ऋजु प्रताप सिंह ने अपनी B.Sc. और M.Sc. की पढ़ाई BHU से की है। वे BHU के शिक्षकों और संस्थान को अपने वैज्ञानिक सोच और दृष्टिकोण के लिए श्रेय देते हैं। ऋजु का कहना है कि वे BHU के संस्थापक महामना मदन मोहन मालवीय जी की विचारधारा से प्रभावित हैं और हमेशा समाज व किसानों की सेवा करने का सपना रखते हैं।
BHU और PAU दोनों संस्थान ऋजु की उपलब्धि पर गौरवान्वित
इस सफलता के बाद BHU और पंजाब कृषि विश्वविद्यालय दोनों ही संस्थानों में खुशी की लहर दौड़ गई है। विभाग के छात्रों और शिक्षकों ने एक-दूसरे को मिठाई खिलाकर बधाई दी। ऋजु फिलहाल पीएचडी में जलवायु-संवेदनशील खेती, मिट्टी में कार्बन की मात्रा बढ़ाने और संसाधनों के बेहतर प्रबंधन पर शोध कर रहे हैं। उनका उद्देश्य है कि अपने नवाचारों से किसानों की आय और खेती की स्थिरता में सुधार लाएं।