BBD ग्रुप पर आयकर विभाग की बड़ी कार्रवाई,
₹100 करोड़ की बेनामी संपत्तियां जब्त
21 days ago
Written By: संदीप शुक्ला
लखनऊ में आयकर विभाग ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए बाबू बनारसी दास (BBD) ग्रुप की करीब ₹100 करोड़ की बेनामी संपत्तियों को जब्त कर लिया है। यह कार्रवाई बेनामी संपत्ति निषेध अधिनियम के तहत की गई है, जिसने लखनऊ के शैक्षिक और कारोबारी जगत में हलचल मचा दी है।
अयोध्या रोड पर स्थित प्रमुख संपत्तियां जब्त
मिली जानकारी के मुताबिक, आयकर विभाग की कार्रवाई के तहत उत्तरधौना, जुग्गौर, 13 खास, सरायशेख और सेमरा ग्राम में स्थित कई कीमती भूखंडों को जब्त किया गया है। ये सभी जमीनें BBD यूनिवर्सिटी के आसपास स्थित हैं और इनमें से कई पर बड़े स्तर पर निर्माण कार्य भी चल रहा था। जांच के अनुसार, ये जमीनें 2005 से 2015 के बीच खरीदी गई थीं और आज की तारीख में इनकी कुल कीमत ₹100 करोड़ से अधिक आंकी गई है।
अलका दास और विराज सागर दास नामजद
वहीं, आयकर विभाग की जांच में सामने आया है कि इन संपत्तियों के वास्तविक लाभार्थी BBD ग्रुप की प्रमुख अलका दास और उनके बेटे विराज सागर दास हैं। हालांकि संपत्तियां दो कंपनियों, विराज इंफ्राटाउन और हाईटेक प्रोटेक्शन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के नाम पर दर्ज की गई थीं, लेकिन जांच से स्पष्ट हुआ कि असली मालिक BBD परिवार ही है।
कर्मचारियों के नाम पर खरीदी गई जमीनें
वहीं, सबसे चौंकाने वाली बात यह सामने आई कि इन संपत्तियों को ऐसे व्यक्तियों के नाम पर खरीदा गया, जिनके पास इन संपत्तियों को खरीदने का कोई वैध आर्थिक स्रोत नहीं था। यह भी संदेह जताया गया है कि BBD ग्रुप ने अपने कर्मचारियों और सहयोगियों को बेनामीदार के तौर पर इस्तेमाल किया।
बेनामी कानून के तहत कार्रवाई
इस कार्रवाई को बेनामी संपत्ति निषेध अधिनियम, 1988 (जो कि 2016 में संशोधित रूप से लागू हुआ) के तहत अंजाम दिया गया है। इस कानून के तहत न केवल संपत्तियां जब्त की जाती हैं, बल्कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है।
और भी गहरी होगी जांच
वहीं सूत्रों की मानें तो आयकर विभाग अब इस कार्रवाई को और विस्तारित करने जा रहा है। विभाग BBD ग्रुप के अन्य संदिग्ध वित्तीय लेन-देन, फंड ट्रांसफर, और संपत्तियों के मालिकाना हक की भी जांच करेगा।