बस्ती के VIP गेस्ट बीजेपी नेता सूरज सिंह से मारपीट,
ठेकेदारी के नाम पर मांगी गई रंगदारी, विधायक अनिल त्रिपाठी पर भी लगे आरोप
1 months ago
Written By: STATE DESK
उत्तर प्रदेश के बस्ती जनपद में स्थित लोक निर्माण विभाग के गेस्ट हाउस में 13 जून की रात एक सनसनीखेज घटना घटी, जिसने सियासी गलियारों में हलचल मचा दी है। इस पूरे मामले में भारतीय जनता पार्टी (भाजयुमो) के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष और विधान परिषद सदस्य सुभाष यदुवंश के करीबी नेता सूरज सिंह ने गंभीर आरोप लगाए हैं।
गेस्ट हाउस के VIP रूम में मची अफरातफरी
पीड़ित सूरज सिंह, जो प्रतापगढ़ जनपद के शिवाजीपुरम, कोतवाली थाना क्षेत्र के निवासी हैं, ने बताया कि वह बस्ती के सरकारी गेस्ट हाउस के VIP रूम नं-2 में रुके हुए थे। तभी रात करीब 12 बजे संतकबीरनगर निवासी ठेकेदार रमेश चंद्र पांडेय अपने दो साथियों के साथ वहां पहुंचे और सूरज सिंह से ठेकेदारी में हिस्सेदारी के नाम पर ₹2 लाख की रंगदारी की मांग की। आरोप है कि जब सूरज सिंह ने इसका विरोध किया तो पहले उन्हें पिस्तौल दिखाकर धमकाया गया, फिर मारपीट की गई और डराने के लिए हवाई फायरिंग तक कर दी गई। मामले की सूचना पर बस्ती पुलिस ने केस दर्ज कर तफ्तीश शुरू कर दी है।
विधायक अनिल त्रिपाठी ने शिकायत कर पलटा हमला
इस पूरे घटनाक्रम पर संतकबीरनगर जिले के मेंहदावल से विधायक अनिल त्रिपाठी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर सूरज सिंह पर ही गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि सूरज सिंह, एमएलसी सुभाष यदुवंश के प्रतिनिधि के रूप में बस्ती मंडल में सरकारी ठेकों को अनाधिकृत रूप से प्रभावित करते हैं और अवैध सौदेबाजी में लिप्त हैं। साथ ही विधायक ने यह भी आरोप लगाया कि सूरज सिंह सरकारी गेस्ट हाउस में अनधिकृत रूप से ठहरते हैं, जो नियमों के खिलाफ है।
“विधायक हिस्ट्रीशीटर हैं” – सूरज सिंह का पलटवार
सूरज सिंह ने जवाबी हमला करते हुए विधायक अनिल त्रिपाठी को गोरखपुर कैंट थाने का हिस्ट्रीशीटर बताते हुए कहा कि उनका नाम गोरखपुर के माफियाओं की सूची में दर्ज है और उनका हिस्ट्रीशीट नंबर 27A है।
पुलिस ने शुरू की गहन जांच
बस्ती सदर सर्कल के डिप्टी एसपी सत्येंद्र भूषण तिवारी ने जानकारी दी कि रमेश चंद्र पांडेय और उनके साथियों पर एफआईआर दर्ज कर ली गई है और मामले की जांच की जा रही है। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि आरोपी गेस्ट हाउस क्यों आए थे और उनके सूरज सिंह से किस तरह के संबंध थे।
मामले में सियासी घमासान जारी
जहां एक ओर बीजेपी के अंदरूनी गुटबाजी इस मामले में सामने आती दिख रही है, वहीं निषाद पार्टी के विधायक के करीबी ठेकेदार का नाम सामने आने से सहयोगी दलों में भी असहजता महसूस की जा रही है। अब देखना होगा कि पुलिस जांच किस निष्कर्ष पर पहुंचती है और इस VIP गेस्ट हाउस विवाद का राजनीतिक असर क्या होगा।