बरेली में अंतरराज्यीय फर्जी दस्तावेज़ गैंग का भंडाफोड़, दो युवक गिरफ्तार, 650 फर्जी आधार कार्ड बरामद,
तुर्की-इजिप्ट वेबसाइट से बनाते थे दस्तावेज़
1 months ago
Written By: Ashwani Tiwari
Uttar Pradesh News: बरेली में एक बड़ा अंतरराज्यीय फर्जी दस्तावेज बनाने वाला गैंग पकड़ा गया है। पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर भोजीपुरा थाना क्षेत्र के पचदौरा दोहरिया स्थित अजहरी जनसेवा केंद्र पर छापा मारकर सैकड़ों फर्जी दस्तावेज बरामद किए हैं। इस गैंग के दो मुख्य आरोपी पिछले एक साल से फर्जी आधार कार्ड, पैन कार्ड, जाति, आय प्रमाण पत्र, मूल निवास प्रमाण पत्र जैसे जरूरी दस्तावेज बनाते थे। इनके नेटवर्क की पहुंच चार राज्यों तक फैली हुई थी और केवल फर्जी आधार कार्ड की संख्या 650 के आसपास है। इस काम के लिए वे तुर्की और इजिप्ट की वेबसाइट का इस्तेमाल करते थे।
बैंक में फहीम को मिलती थी 10,500 रुपये मासिक सैलरी
पुलिस जांच में सामने आया कि गैंग का एक मुख्य सदस्य मोहम्मद फहीम था, जो पहले बड़ौदा उत्तर प्रदेश ग्रामीण बैंक में आधार कार्ड बनाने का काम करता था। वहां उसे करीब 10,500 रुपये महीने की सैलरी मिलती थी। बाद में उसने फर्जी आधार कार्ड बनाने की नई शुरुआत की, जिसमें एक नया आधार कार्ड बनाने पर 18 रुपये और अपग्रेड करने पर 13 रुपये का कमीशन मिलता था। फहीम और उसके साथी जियाउल मुस्तफा ने मिलकर जनसेवा केंद्र खोला और यहां से फर्जी दस्तावेज बनाना शुरू कर दिया।
पुलिस ने छापेमारी में लैपटॉप और पीवीसी कार्ड मशीन की जब्त
फहीम हाई स्कूल पास है जबकि जियाउल मुस्तफा इंटर के बाद नीट की तैयारी कर रहा था। जियाउल पिछले छह महीने से जनसेवा केंद्र चला रहा था। फर्जी दस्तावेज बनाने के नाम पर वे हर महीने लाखों रुपये कमा रहे थे। पुलिस ने इनके कब्जे से एक लैपटॉप, पीवीसी कार्ड मशीन, फिंगरप्रिंट मशीन, कैमरे, प्रिंटर, मोबाइल फोन समेत सैकड़ों फर्जी दस्तावेज बरामद किए हैं। इनमें 20 फर्जी जन्म प्रमाण पत्र, 15 फर्जी निवास प्रमाण पत्र, 5 आय प्रमाण पत्र, 15 स्टांप पेपर, 20 फर्जी आधार कार्ड, दो पैन कार्ड, एक फर्जी वोटर आईडी, झारखंड, दिल्ली, यूपी के कई जाति और निवास प्रमाण पत्र शामिल हैं।
एसपी ने गैंग का किया पर्दाफाश
एसपी नॉर्थ मुकेश चंद्र मिश्रा ने बताया कि पुलिस ने इस अंतरराज्यीय गैंग का पर्दाफाश किया है। इस कार्रवाई में भोजीपुरा थाना के प्रभारी निरीक्षक प्रवीण सोलंकी, एसओजी प्रभारी देवेंद्र सिंह धामा, इंस्पेक्टर धर्मेश कुमार समेत थाने की पुलिस शामिल रही। फर्जी दस्तावेज बनाने वाले इस गिरोह की जांच जारी है और पुलिस ने इस पूरे नेटवर्क को पूरी तरह से तोड़ने की तैयारी कर ली है। इस घटना ने दस्तावेजों की सुरक्षा और पहचान प्रणाली में सुधार की जरूरत को फिर से उजागर कर दिया है।