बांके बिहारी मंदिर के पुजारियों का बड़ा फैसला, बीजेपी नेताओं और अफसरों को नहीं मिलेगा प्रसाद,
जानिए क्या है वजह
4 days ago
Written By: Ashwani Tiwari
Mathura News: उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले के प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर को लेकर एक बार फिर विवाद गहराता जा रहा है। प्रस्तावित बांके बिहारी कॉरिडोर परियोजना के विरोध में मंदिर के पुजारियों ने बड़ा कदम उठाया है। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के नेताओं और स्थानीय अधिकारियों को मंदिर का प्रसाद न देने का ऐलान किया है। यह विरोध मंदिर की परंपरा, सांस्कृतिक पहचान और स्थानीय लोगों के हितों की रक्षा को लेकर उठाया गया है। 19 जुलाई को ऊर्जा मंत्री एके शर्मा के साथ जो हुआ, उसने इस आंदोलन को और तेज कर दिया है।
क्या है बांके बिहारी कॉरिडोर परियोजना
उत्तर प्रदेश सरकार बांके बिहारी मंदिर के आसपास करीब 5 एकड़ भूमि पर एक भव्य परिसर बनाना चाहती है। इसका उद्देश्य श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं देना और मंदिर में दर्शन को सुगम बनाना है। सरकार का कहना है कि यह योजना काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की तरह होगी और इससे धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। लेकिन स्थानीय पुजारी, गोस्वामी समुदाय और व्यापारी इसका विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि इससे वृंदावन की ऐतिहासिक गलियां नष्ट हो जाएंगी और करीब 300 परिवारों को विस्थापित होना पड़ेगा।
पुजारियों का विरोध तेज मंत्री को नहीं दिया प्रसाद
19 जुलाई को जब ऊर्जा मंत्री एके शर्मा मंदिर पहुंचे तो पुजारियों ने उन्हें बांके बिहारी जी का प्रसाद देने से मना कर दिया। उन्हें पटका भी नहीं पहनाया गया और मंदिर में पर्दा डाल दिया गया। पुजारियों ने ऐलान किया है कि जब तक सरकार यह परियोजना वापस नहीं लेती, वे बीजेपी नेताओं और अधिकारियों को मंदिर का प्रसाद नहीं देंगे। राजत गोस्वामी ने यहां तक कह दिया कि जरूरत पड़ी तो वे बांके बिहारी जी की मूर्ति को कहीं और स्थानांतरित करने पर भी विचार करेंगे।
सरकार और बीजेपी का पक्ष
सरकार का कहना है कि यह परियोजना श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा के लिए जरूरी है। मथुरा की सांसद हेमा मालिनी ने इसे अंतरराष्ट्रीय पर्यटन को बढ़ाने वाला कदम बताया था। हालांकि, उनका एक पुराना वीडियो सामने आने के बाद विवाद और बढ़ गया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि विरोध करने वालों को कहीं और भेजा जा सकता है। बीजेपी ने सफाई दी है कि वीडियो 2024 लोकसभा चुनाव से पहले का है और गलत संदर्भ में दिखाया जा रहा है। मथुरा के जिलाधिकारी चंद्र प्रकाश सिंह ने कहा है कि अधिकांश स्थानीय लोग परियोजना के पक्ष में हैं और विस्थापितों के लिए रुक्मिणी विहार में 350 फ्लैट्स का प्रावधान किया गया है। दुकानदारों को नई जगह दुकानें देने की भी योजना है।
विपक्षी दलों का समर्थन
इस पूरे विवाद में विपक्षी दल भी कूद पड़े हैं। उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने मंदिर जाकर पुजारियों को समर्थन दिया और सरकार पर सांस्कृतिक विरासत नष्ट करने का आरोप लगाया। समाजवादी पार्टी नेता संजय लाठर ने कहा कि अगर ऐसी परियोजनाएं जरूरी हैं, तो गोरखनाथ मंदिर में क्यों नहीं बनाई जा रहीं।