शेल की कंपनी के आढ़ में छागुर ने कि करोड़ों की मनी लांड्रिंग !
ED का छांगुर का कसता जा रहा शिकंजा
4 days ago
Written By: State Desk
उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले के उतरौला क्षेत्र में स्थित बाबा ताजुद्दीन आशवी बुटीक पर पड़े छापे ने कई चौंकाने वाले राज खोल दिए हैं। लंबे समय से स्थानीय भूमि विवादों और धार्मिक गतिविधियों से जुड़े रहे छांगुर अब अंतरराष्ट्रीय समुद्री (मैरीटाइम) कंपनियों के नेटवर्क से जुड़े होने के आरोपों के घेरे में हैं।
छापे में मिले दस्तावेज और संदिग्ध कड़ियाँ
छापे के दौरान जब्त किए गए दस्तावेजों की प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि छांगुर के संबंध विदेशी मैरीटाइम कंपनियों से हैं। दस्तावेजों में संदिग्ध फंडिंग, अपारदर्शी वित्तीय लेन-देन और अंतरराष्ट्रीय शिपिंग नेटवर्क से जुड़ी जानकारियाँ शामिल हैं। इससे संकेत मिलते हैं कि छांगुर की गतिविधियाँ न केवल स्थानीय धार्मिक और सामाजिक संस्थाओं तक सीमित थीं, बल्कि उनकी पहुंच वैश्विक समुद्री व्यापार और नेटवर्क तक थी।
मदरसा और महिला संस्थानों के माध्यम से संचालन
सूत्रों का कहना है कि छांगुर का उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक कल्याण विभाग से भी गहरा जुड़ाव रहा है। विशेष रूप से मदरसा अहले सुन्नत नुरुल उलूम अत्तेकिया, महाराजगंज तराई (बलरामपुर) और आवासीय महिला संस्थान जामिया नूरिया फातिमा लिलबनात, श्रावस्ती के जरिए कई प्रकार की गतिविधियाँ चलाई जा रही थीं। जांच एजेंसियों को संदेह है कि इन संस्थानों का इस्तेमाल धन के प्रवाह और प्रभाव संचालन के लिए किया गया।
पूर्व विभागीय अधिकारी भी जांच के घेरे में
जांच में यह भी सामने आया है कि तत्कालीन अल्पसंख्यक विभागीय अधिकारी भी इस पूरे तंत्र में संलिप्त हो सकते हैं। उनकी भूमिका पर केंद्रीय एजेंसियाँ अब बारीकी से नजर बनाए हुए हैं।
अंतरराष्ट्रीय लिंक और पनामा की शेल कंपनी
सबसे गंभीर आरोप यह है कि छांगुर के करीबी सहयोगी नवीन ने पनामा में 10,000 डॉलर लगाकर एक शेल कंपनी स्थापित की थी। इस शेल कंपनी में कुछ विदेशी नागरिकों को भी शामिल किया गया था। ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) को शक है कि इस शेल कंपनी के माध्यम से करोड़ों रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग की गई है। हालांकि, अभी तक इन विदेशी नागरिकों के नाम और पद सार्वजनिक नहीं किए गए हैं, लेकिन जांच में यह तथ्य सामने आया है कि वे प्रभावशाली व्यवसायिक पदों पर रहे हैं और मैरीटाइम लॉबी से जुड़े रहे हैं।
अलर्ट पर राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियाँ
जैसे ही दस्तावेजों में विदेशी शिपिंग और वित्तीय संबंधों के संकेत मिले, वैसे ही राष्ट्रीय समुद्री सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क कर दिया गया है। अब मामला केवल स्थानीय नहीं, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा, अवैध विदेशी फंडिंग, और अंतरराष्ट्रीय लॉन्ड्रिंग नेटवर्क से जुड़ा माना जा रहा है।