यूपी के परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह सहित 15 पर गिरफ्तारी वारंट,
10 साल पुराना मामला आया सामने
11 hours ago
Written By: Ashwani Tiwari
Uttar Pradesh News: बलिया जिले का एक पुराना मामला एक बार फिर चर्चा में है। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (CJM) कोर्ट ने परिवहन राज्यमंत्री दयाशंकर सिंह सहित 15 लोगों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। यह मामला साल 2015 का है, जब जिले में टेंडर विवाद के चलते सड़क जाम, धरना-प्रदर्शन और प्रशासनिक आदेशों का उल्लंघन हुआ था। कोर्ट ने नगर कोतवाली पुलिस को निर्देश दिया है कि आरोपियों को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया जाए।
2015 में टेंडर विवाद से भड़का था मामला
सितंबर 2015 में बलिया नगरपालिका में टेंडर को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया था। उस समय सपा सरकार के मंत्री नारद राय और नगरपालिका चेयरमैन साधना गुप्ता के प्रतिनिधि लक्ष्मण गुप्ता के बीच टकराव हो गया। विवाद बढ़ने पर शहर में धरना, प्रदर्शन और बाजार बंद जैसी घटनाएं हुईं। हालात बिगड़ने पर जिला प्रशासन ने धारा 144 लागू कर दी थी, ताकि लोग सार्वजनिक जगहों पर भीड़ न लगा सकें और रास्ते न जाम कर सकें।
दयाशंकर सिंह सहित 17 पर मुकदमा दर्ज
9 सितंबर 2015 को तत्कालीन ओक्डेनगंज चौकी प्रभारी सत्येंद्र राय ने नगर कोतवाली में केस दर्ज कराया। इसमें दयाशंकर सिंह सहित 17 नामजद और 100-150 अज्ञात लोगों को आरोपी बनाया गया। आरोप था कि इन लोगों ने माल गोदाम चौराहे पर सड़क जाम कर सार्वजनिक आवागमन रोका और धारा 144 का उल्लंघन किया। दो आरोपियों ने 2016 में जमानत ले ली थी, लेकिन बाकी 15 लोग कोर्ट में पेश नहीं हुए।
10 साल बाद कोर्ट का सख्त आदेश
करीब 10 साल बाद सोमवार को CJM शैलेश कुमार पांडेय ने आदेश दिया कि सभी 15 आरोपियों को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया जाए। इस वारंट से न केवल प्रशासनिक हलकों में बल्कि राजनीति में भी हलचल मच गई है। वारंट की तामील कराने की जिम्मेदारी कोतवाली पुलिस को दी गई है।
दयाशंकर सिंह का पक्ष
वारंट जारी होने के बाद परिवहन राज्यमंत्री दयाशंकर सिंह ने कहा कि उन्हें इस केस की पहले कोई जानकारी नहीं थी। उन्होंने कहा, मुझे इस मामले में कोई नोटिस नहीं मिला। यह पुराना मामला है और मैं इसका सामना कानूनी तरीके से करूंगा। उन्होंने इसे राजनीतिक साजिश मानने से इनकार किया, लेकिन कहा कि वह कोर्ट के आदेश का सम्मान करेंगे और कानूनी लड़ाई लड़ेंगे।