ऐसी औलाद से अच्छा है, औलाद ही न हो,
धर्मांतरण आरोपी बदर अली के पिता महमूद अख्तर की दो टूक
8 days ago
Written By: State Desk
उत्तर प्रदेश में जबरन धर्मांतरण और फर्जी शादी जैसे गंभीर मामलों में आरोपी बदर अली सिद्दीकी को लेकर उसके परिजनों ने खुद उससे पल्ला झाड़ लिया है। आरोपी के पिता महमूद अख्तर ने साफ शब्दों में कहा है कि उनके बेटे से उनका कोई संबंध नहीं रहा और बदर ने जो किया है, उसकी उसे सजा मिलनी ही चाहिए।
“ऐसी औलाद से अच्छा है, औलाद ही न हो” – बोले पिता
धर्मांतरण रैकेट में छांगुर बाबा के सहयोगी रहे बदर अली के पिता ने कहा कि उनका बेटा कई सालों से घर से अलग है। आखिरी बार वो 2019 में घर आया था, जब वो एक लड़की को साथ लेकर आया था। उन्होंने उसी समय उसे घर से निकाल दिया था और उसके बाद न केवल उससे रिश्ता तोड़ दिया बल्कि अपने मोबाइल नंबर भी बदल लिए। महमूद अख्तर ने कहा, “ऐसी औलाद से अच्छा है कि हमारी कोई औलाद ही न होती।” उन्होंने यह भी कहा कि वो खुद लंबे समय से बीमार हैं और उन्हें अपने बेटे की किसी भी गतिविधि की जानकारी नहीं है।
बदर की मां ने भी जताया कानून का समर्थन
बदर की मां ने भी बेटे के कृत्यों से दूरी बनाते हुए कहा कि अगर उसने कुछ गलत किया है तो कानून के अनुसार उसे सजा मिलनी चाहिए। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उन्होंने लड़की को उसके माता-पिता को सौंप दिया था और बदर की मामा की लड़की से शादी वाली बात सरासर झूठ है।
छांगुर से कोई रिश्ता नहीं: परिजन
बदर के परिवार ने छांगुर बाबा से किसी भी तरह के संबंध से इनकार करते हुए कहा कि उन्होंने यह नाम पहली बार सुना है। साथ ही, परिजनों ने प्रशासन को आश्वस्त किया कि वे इस मामले में पूरी तरह से सहयोग के लिए तैयार हैं और यदि उनके बेटे ने कोई अपराध किया है तो उसे दंड मिलना चाहिए।
क्या है मामला?
बदर अली सिद्दीकी पर आरोप है कि वह छांगुर बाबा के साथ मिलकर युवतियों का जबरन धर्मांतरण करा रहा था और एक लड़की को बहला-फुसलाकर विवाह भी कर लिया। इस प्रकरण के सामने आने के बाद पुलिस की जांच तेज हो गई है, और आरोपी की भूमिका की परतें लगातार खुल रही हैं।