आजमगढ़ पुलिस ने फर्जी पुलिस बनकर ठगी करने वाले अंतर्राज्यीय गिरोह का भंडाफोड़,
कई राज्यों की FIR कॉपी बरामद
5 days ago
Written By: Aniket Prajapati
आजमगढ़ में साइबर अपराधियों पर नकेल कसने के लिए पुलिस लगातार प्रयास कर रही है, लेकिन ठग नए-नए तरीके निकाल लेते हैं। इसी बीच आजमगढ़ पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है जो खुद को पुलिस वाला बताकर लोगों से ठगी करता था। यह गिरोह लोगों को फोन कर कहता था कि उनके बेटे या बेटी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इसके बाद QR कोड के जरिए पैसे मांगते थे और धमकी देते थे कि पैसे नहीं दिए तो उन्हें जेल भेज दिया जाएगा। जैसे ही यह गिरोह पुलिस की नजर में आया, आजमगढ़ पुलिस ने रेलवे स्टेशन से दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।
कैसे करते थे ठगी — पुलिस ऐप की जानकारी का गलत इस्तेमाल
गिरफ्तार आरोपी अंकित यादव (24) और दीनदयाल यादव (45) मध्यप्रदेश के टीकमगढ़ जिले के रहने वाले हैं। ये लोग पुलिस विभाग के आधिकारिक ऐप "यूपीकॉप" और संबंधित वेबसाइटों का दुरुपयोग करते थे। ऐप के जरिए FIR की कॉपी डाउनलोड करते और उसमें से पीड़ित का पूरा विवरण निकालते थे। फिर पीड़ित को फोन कर केस रफा-दफा करने का लालच देकर पैसे ऐंठते थे। एक मामले में आरोपियों ने मेहनगर की एक महिला, सविता, को निशाना बनाया। उसकी बेटी गुम हो गई थी और उसने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इस FIR का विवरण निकालकर आरोपियों ने सविता से 22,000 रुपये की ठगी कर ली।
कई राज्यों से FIR और शिकायतें बरामद
पुलिस के अनुसार, आरोपी अंकित यादव के मोबाइल से अलीगढ़, गोंडा, गाजीपुर, अमरोहा, गोरखपुर, औरैया, अमेठी, हमीरपुर सहित कई जिलों की 12 FIR की कॉपियाँ मिली हैं। इसके अलावा NCRP पोर्टल पर तमिलनाडु, तेलंगाना, दिल्ली, कर्नाटक, महाराष्ट्र, ओडिशा, छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश के कई जिलों में दर्ज शिकायतों के दस्तावेज भी बरामद हुए हैं। इससे साफ है कि गिरोह कई राज्यों में फैला हुआ था।
पुलिस ने दिया चेतावनी संदेश
आजमगढ़ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अनिल कुमार ने कहा कि यदि कोई भी अज्ञात व्यक्ति आपसे साइबर ठगी का प्रयास करे तो तुरंत 1930 पर शिकायत दर्ज कराएं। साथ ही साइबर पुलिस को भी जानकारी दें। उन्होंने कहा कि गिरोह की गिरफ्तारी साबित करती है कि अब साइबर अपराधी डरेंगे, न कि आम जनता।