अंबिकापुर: एक ही दिन में दो ऑपरेशन के बाद गर्भवती महिला की मौत,
परिजन बोले लापरवाही
6 days ago Written By: Aniket Prajapati
छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में एक गर्भवती महिला का हालात इतने खराब हो गए कि उसे एक ही दिन में दो बार ऑपरेट करना पड़ा फिर भी उसकी जान बच नहीं सकी। ऑपरेशन के बाद टांके से लगातार रक्तस्राव शुरू हुआ तो डॉक्टरों ने गर्भाशय निकालने का फैसला लिया। हालत और बिगड़ने पर महिला को रायपुर के मेकाहारा अस्पताल और फिर एम्स रेफर किया गया, लेकिन एम्स में बेड न होने के कारण परिजनों को वापस लौटने को कह दिया गया। रास्ते में ही महिला की मौत हो गई। परिजन डॉक्टरों पर ऑपरेशन में लापरवाही का आरोप लगा रहे हैं और जांच की मांग कर रहे हैं। इसी तरह सूरजपुर जिले में डॉक्टर की अनुपस्थिति के कारण एक प्रसूता और उसके बच्चे की भी मौत हुई है, जिससे इलाके में चिकित्सा व्यवस्था पर भी सवाल उठ रहे हैं।
ऑपरेशन, रक्तस्राव और रेफरल की पूरी कहानी
अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज में पहली सर्जरी के बाद महिला के टांके से खून बहना शुरू हुआ। रक्तस्राव रोकने के लिए अस्पताल ने दोबारा ऑपरेशन कर गर्भाशय (यूट्रस) निकाल दिया। डॉक्टरों ने बताया कि पेट में खून जम गया था और यूट्रस ढीली हो गई थी, इसलिए यह कदम उठाना पड़ा। ऑपरेशन के बाद शुरुआती रिपोर्टों में बच्चा और मां स्वस्थ दिखे, लेकिन थोड़ी ही देर में टांके के स्थान से फिर से ब्लीडिंग हुई। सोनोग्राफी ने यूट्रस ढीला दिखाया और महिला की हालत बिगड़ती चली गई।
एम्स में बेड नहीं, रास्ते में मौत
अस्पताल ने महिला को गंभीर स्थिति में रायपुर रेफर किया और मेकाहारा अस्पताल से उसे एम्स भेजने की बात कही गई। परिजनों ने जब एम्स पहुंचकर मदद माँगी तो उन्हें बताया गया कि फिलहाल बेड उपलब्ध नहीं है। परिजन बिना इलाज वापस अंबिकापुर लौट रहे थे कि रास्ते में ही महिला की मौत हो गई। अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में महिला का पोस्टमार्टम किया गया। परिजन डॉक्टरों की लापरवाही का आरोप लगा रहे हैं और घटना की गहन जांच की माँग कर रहे हैं।
सूरजपुर में भी डॉक्टर की अनुपस्थिति से मातृत्व मृत्यु
इसी तरह सूरजपुर जिले में एक और दर्दनाक घटना आई, जहाँ डॉक्टर की अनुपस्थिति के कारण एक प्रसूता और उसके नवजात शिशु की मौत हुई। इस घटना से स्थानीय लोगों में आक्रोश है और स्वास्थ्य सेवाओं की कमी पर चिंता बढ़ गई है। अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज के गायनिक वार्ड के HOD डॉ. अविनाशी कुजूर ने यूट्रस की स्थिति और लिए गए कदमों की व्याख्या दी है। परिजन और ग्रामीण अभी भी अस्पताल प्रशासन व संबंधित अधिकारियों से न्याय और स्पष्ट जांच की माँग कर रहे हैं।