एंबुलेंस कांड में मुश्किलों में घिरीं डॉ. अलका राय,
बाराबंकी कोर्ट ने खारिज की संपत्ति बहाली की याचिका
22 days ago
Written By: STATE DESK
मऊ जिले की चर्चित चिकित्सक और श्याम संजीवनी हॉस्पिटल की संचालिका डॉ. अलका राय को एक बार फिर बाराबंकी कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। गैंगस्टर एक्ट के तहत कुर्क की गई करीब पौने तीन करोड़ रुपये मूल्य की संपत्ति की बहाली संबंधी याचिका को कोर्ट ने खारिज कर दिया है। इस फैसले के बाद अब डॉ. अलका राय की कानूनी मुश्किलें और बढ़ गई हैं।
मुख्तार अंसारी एंबुलेंस प्रकरण से जुड़ा है मामला
दरअसल, यह मामला 21 मार्च 2021 को सामने आया था, जब पंजाब की रोपड़ जेल में बंद कुख्यात माफिया और मऊ से पांच बार विधायक रह चुके मुख्तार अंसारी को मोहाली कोर्ट में पेशी के लिए एक एंबुलेंस (UP 41 AT 7171) के जरिए ले जाया गया था। इस एंबुलेंस पर नेशनल हेल्थ मिशन (NHM) का लोगो लगा था, और दस्तावेजों के अनुसार यह बाराबंकी में पंजीकृत थी।
वहीं मामले की जांच में सामने आया कि, एंबुलेंस का पंजीकरण फर्जी दस्तावेजों के आधार पर कराया गया था। यह भी खुलासा हुआ कि, यह एंबुलेंस मऊ स्थित श्याम संजीवनी हॉस्पिटल की है, जिसकी संचालिका डॉ. अलका राय हैं।
धोखाधड़ी का मुकदमा और गैंगस्टर एक्ट की कार्रवाई
जिसके बाद, गत 2 अप्रैल 2021 को बाराबंकी कोतवाली नगर पुलिस ने डॉ. अलका राय, उनके मुंहबोले भाई डॉ. शेषनाथ राय, और राजनाथ यादव के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया था। जिसके बाद 4 जुलाई 2021 को पुलिस ने मुख्तार अंसारी समेत कुल 13 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की। फिर 25 मार्च 2022 को बाराबंकी जिलाधिकारी के आदेश पर गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया, जिसमें डॉ. अलका राय को नामजद किया गया।
3 करोड़ की संपत्ति कुर्क, हॉस्पिटल सील
जिसके बाद गत, 3 अक्टूबर 2022 को बाराबंकी और मऊ पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में डॉ. अलका राय की लगभग 2.75 करोड़ रुपये की संपत्ति गैंगस्टर एक्ट के तहत कुर्क कर ली गई। इस दौरान मऊ के बलिया मोड़ पर स्थित श्याम संजीवनी हॉस्पिटल को भी सील कर दिया गया। मऊ जिला प्रशासन की ओर से बताया गया कि यह कार्रवाई बाराबंकी डीएम के आदेश पर की गई थी, जिसमें मऊ की राजस्व टीम ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
कोर्ट के फैसले से बढ़ी परेशानी
अब जबकि अब बाराबंकी की अदालत ने भी डॉ. अलका राय की संपत्ति बहाली की अर्जी को खारिज कर दिया है, जिसके बाद अब ये उनके लिए एक कानूनी झटका माना जा रहा है। इस फैसले के बाद डॉ. अलका राय की गिरफ्तारी और कानूनी संकट गहराने की आशंका भी तेज हो गई है।