बलरामपुर और आगरा के बाद अब अलीगढ़ में अवैध धर्मांतरण का खुलासा,
97 लड़कियां लापता, जांच में जुटी पुलिस
5 days ago
Written By: Ashwani Tiwari
Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले से एक बेहद चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक संगठित अवैध धर्मांतरण नेटवर्क का भंडाफोड़ हुआ है। इस नेटवर्क पर आरोप है कि इसने अब तक 97 महिलाओं को अपने जाल में फंसाया और जबरन उनका धर्म परिवर्तन कराया। इनमें से सभी महिलाएं लापता हैं। पुलिस और खुफिया एजेंसियां इस मामले को गंभीर मानते हुए जांच में जुट गई हैं। यह पूरा मामला तब सामने आया जब आगरा से कुख्यात धर्मांतरण आरोपी उमर गौतम की गिरफ्तारी हुई, जिसके तार अलीगढ़ से भी जुड़े पाए गए।
दो बहनों के लापता होने से खुली परतें
मार्च 2025 में अलीगढ़ के सदर थाने में दो सगी बहनों 33 और 18 वर्ष के लापता होने की शिकायत दर्ज कराई गई थी। जांच के दौरान सोशल मीडिया पर एक बहन की एके-47 के साथ तस्वीर मिली, जिससे यह मामला और गंभीर हो गया। जांच में यह सामने आया कि इनका जबरन धर्म परिवर्तन करवाया गया और उन्हें कोलकाता की मुस्लिम बाहुल्य बस्ती में छिपाया गया था।
सोशल मीडिया से शुरू निकाह तक की साजिश
पुलिस जांच में यह बात सामने आई कि यह गिरोह सोशल मीडिया, डार्क वेब और मोबाइल ऐप्स के जरिए लड़कियों को पहले प्रेम जाल में फंसाता था। फिर उनका ब्रेनवॉश कर धर्म बदलवाता और कई मामलों में जबरन निकाह करवा देता था। कुछ पीड़ित महिलाओं ने दुर्व्यवहार और मानसिक शोषण के आरोप भी लगाए हैं।
गिरोह के सदस्य और विदेशी फंडिंग
इस नेटवर्क में कई राज्यों के लोग शामिल हैं। ओडिशा की आयशा (पहले नाम एसबी कृष्णा), कोलकाता का अली हसन उर्फ शेखर राय और जयपुर का मोहम्मद अली मुख्य आरोपी हैं। इन तीनों को छह अलग-अलग राज्यों से गिरफ्तार किया गया है। आयशा पर विदेशों से पैसे लाने और गैंग को फंड बांटने का आरोप है। वहीं अली हसन का काम बड़े लोगों से संपर्क बनाना और महिलाओं को फंसाना था। जांच में गैंग के प्रतिबंधित संगठनों PFI, SIMI और लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े होने के भी संकेत मिले हैं। सूत्रों के अनुसार, गैंग को कनाडा, अमेरिका, लंदन और दुबई जैसे देशों से भारी मात्रा में फंडिंग मिल रही थी।
97 महिलाओं की तलाश में जुटी एजेंसियां
अब तक इस नेटवर्क से जुड़ी 97 महिलाएं लापता बताई गई हैं। इनमें कई को जबरन धर्म परिवर्तन और निकाह के लिए मजबूर किया गया। पुलिस महानिदेशक राजीव कृष्ण ने कहा कि एजेंसियां इन महिलाओं को सुरक्षित ढूंढ निकालने और उनके परिवारों को न्याय दिलाने की पूरी कोशिश कर रही हैं।