50 साल से खा रही थी अपने ही बाल, पेट से निकला बालों का बड़ा गुच्छा,
जानिए क्या है यह अजीब बीमारी
17 days ago Written By: अनिकेत प्रजापति
आगरा से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जिसने डॉक्टरों तक को चौंका दिया। 62 साल की एक महिला तेज पेट दर्द और लगातार उल्टी की शिकायत लेकर नवदीप हॉस्पिटल पहुंची थीं। जांच के दौरान डॉक्टरों ने पाया कि महिला के पेट में कोई ठोस चीज फंसी हुई है, जिसकी वजह से उनका खाना पचना बंद हो गया था। एंडोस्कोपी करने पर जो नजारा दिखा, उसने सभी को हैरान कर दिया। महिला के पेट से बालों का बड़ा गुच्छा निकला। डॉक्टरों की जांच में सामने आया कि यह बाल गलती से पेट में नहीं गए थे, बल्कि महिला ने खुद अपने सिर के बाल तोड़कर खाए थे। दरअसल, उन्हें एक दुर्लभ मानसिक बीमारी ‘ट्राइकोफैगिया (Trichophagia)’ है, जिसमें व्यक्ति अपने ही बाल तोड़कर खाने लगता है।
34 साल पहले भी हुआ था ऐसा ही ऑपरेशन सर्जरी करने वाले वरिष्ठ लेप्रोस्कोपिक सर्जन डॉ. सुनील शर्मा ने बताया कि मरीज की एंडोस्कोपी में बालों का बड़ा गुच्छा साफ दिखाई दे रहा था। काउंसलिंग के दौरान महिला ने बताया कि 34 साल पहले भी उनका ऐसा ही ऑपरेशन हुआ था, जिसमें पेट से बालों का गुच्छा निकाला गया था। वह ऑपरेशन भी इसी हॉस्पिटल में किया गया था। डॉ. शर्मा के अनुसार, महिला की हालत गंभीर थी क्योंकि बालों का यह गुच्छा पेट में फंसकर पाचन तंत्र को ब्लॉक कर चुका था। ऑपरेशन के दौरान बड़ी सावधानी से बालों का यह गुच्छा निकाला गया। सर्जरी सफल रही और फिलहाल मरीज की स्थिति स्थिर बताई जा रही है।
50 साल से खा रही थी अपने ही बाल ऑपरेशन के बाद जब डॉक्टरों ने महिला से बातचीत की, तो उन्होंने खुद बताया कि वह पिछले 50 साल से अपने ही सिर के बाल तोड़कर खा रही हैं। यह आदत उन्हें बचपन से लग गई थी और धीरे-धीरे यह उनकी लत बन गई। डॉक्टरों का कहना है कि यह सिर्फ एक शारीरिक नहीं बल्कि मानसिक समस्या है, जिसके लिए मनोवैज्ञानिक उपचार बेहद जरूरी है।
क्या होती है ट्राइकोफैगिया और ट्राइकोटिलोमेनिया बीमारी? डॉ. शर्मा बताते हैं कि इस बीमारी की शुरुआत ‘ट्राइकोटिलोमेनिया (Trichotillomania)’ से होती है। इसमें व्यक्ति बार-बार अपने बाल तोड़ता है। जब वही व्यक्ति उन टूटे बालों को निगलना शुरू कर देता है, तो उसे ‘ट्राइकोफैगिया (Trichophagia)’ कहा जाता है। ये बाल शरीर में पचते नहीं हैं और धीरे-धीरे पेट व आंतों में जमा होकर ‘हेयर बॉल’ (Hair Ball) बना लेते हैं। यह गुच्छा भोजन को पचने नहीं देता और अंततः पाचन तंत्र को पूरी तरह ब्लॉक कर देता है।
बच्चों और युवाओं में भी दिखते हैं लक्षण डॉ. शर्मा के अनुसार, यह समस्या केवल बड़ों में ही नहीं बल्कि बच्चों और किशोरों में भी तेजी से बढ़ रही है। अगर समय रहते इस बीमारी की पहचान कर ली जाए तो काउंसलिंग और दवाओं की मदद से इस आदत को पूरी तरह रोका जा सकता है। उन्होंने सलाह दी कि यदि किसी बच्चे या व्यक्ति में बार-बार बाल तोड़ने या खाने जैसी आदत दिखे तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।