पहले खुद बना मुसलमान, फिर शुरू किया धर्मांतरण का खेल,
हरियाणा की बेटी का जबरन करा रहा था धर्म परिवर्तन, जानें कौन है अब्दुल रहमान
5 days ago
Written By: Ashwani Tiwari
Abdul Rehman News: दिल्ली पुलिस ने एक बड़े अवैध धर्मांतरण रैकेट का खुलासा किया है, जिसमें हिंदू लड़कियों को निशाना बनाकर इस्लाम धर्म अपनाने के लिए मजबूर किया जा रहा था। इस मामले में पुलिस ने फिरोजाबाद के रहने वाले अब्दुल रहमान को गिरफ्तार किया है। रहमान की गिरफ्तारी के साथ ही हरियाणा से एक युवती को छुड़ाया गया है, जिसे कथित रूप से धर्म परिवर्तन के लिए दबाव डाला जा रहा था। यह गिरफ्तारी दिल्ली के सहसपुर इलाके से की गई, जहां रहमान कुछ समय से छिपा हुआ था।
1990 में बदला धर्म अब खुद बना गुरु
अब्दुल रहमान की असली पहचान महेंद्र पाल जादौन के रूप में हुई, जिसने 1990 में हिंदू धर्म छोड़ इस्लाम कबूल किया था। पुलिस के अनुसार, 2021 में कलीम सिद्दीकी की गिरफ्तारी के बाद से इस पूरे धर्मांतरण रैकेट की कमान रहमान ने संभाल ली थी। पूछताछ में उसने कबूला कि वह लड़कियों को ब्रेनवॉश कर उन्हें धर्म बदलने के लिए राजी करता था।
हरियाणा की लड़की को चंगुल से छुड़ाया
पुलिस ने रोहतक से गायब एक युवती को अब्दुल रहमान के पास से बरामद किया। यह युवती हिंदू समुदाय से थी और परिजनों ने पहले ही उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। जांच में खुलासा हुआ कि युवती पर इस्लाम कबूल करने का दबाव बनाया जा रहा था। फिलहाल उसे सुरक्षित स्थान पर भेज दिया गया है और उसकी मानसिक काउंसलिंग की जा रही है।
गोवा से आयशा ने खोले राज
इस मामले में गोवा से गिरफ्तार एक अन्य लड़की आयशा ने पूछताछ के दौरान अब्दुल रहमान का नाम लिया। उसने बताया कि रहमान एक बड़े नेटवर्क से जुड़ा है, जो खासकर हिंदू लड़कियों को धर्मांतरण के लिए टारगेट करता है। पुलिस अब नेटवर्क के अन्य सदस्यों की तलाश कर रही है।
बरामद हुई धर्मांतरण की सामग्री
बता दें कि अब्दुल रहमान के पास से पुलिस ने कई किताबें और दस्तावेज बरामद किए हैं, जिनमें धर्मांतरण के तरीके और नियम दर्ज हैं। इससे साफ है कि यह रैकेट बेहद संगठित ढंग से काम कर रहा था। रहमान ही इस गैंग का संचालनकर्ता था, जिसने सिद्दीकी की गिरफ्तारी के बाद इसकी बागडोर संभाली।
पुलिस ने दर्ज किया केस विदेशी फंडिंग की जांच जारी
दिल्ली पुलिस ने इस मामले में उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम 2021 के तहत केस दर्ज किया है। साथ ही आईपीसी की धारा 87, 111(3), और 111(4) भी लगाई गई हैं। पुलिस अब इस नेटवर्क के दूसरे सदस्यों और इसके संभावित अंतरराष्ट्रीय लिंक की जांच कर रही है। अधिकारियों को शक है कि इस रैकेट को विदेशी फंडिंग भी मिल रही हो सकती है।