हेट स्पीच केस में अब्बास अंसारी को इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ा झटका,
फोरेंसिक रिपोर्ट को चुनौती देने वाली याचिका खारिज
1 months ago
Written By: STATE DESK
मऊ से पूर्व विधायक और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (SBSP) के नेता अब्बास अंसारी को हेट स्पीच मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। हाईकोर्ट की जस्टिस समित गोपाल की एकल पीठ ने अब्बास अंसारी की याचिका को खारिज कर दिया है और ट्रायल कोर्ट द्वारा दी गई दो साल की सजा का हवाला देते हुए किसी भी प्रकार के हस्तक्षेप से इनकार कर दिया है।
हाईकोर्ट ने सेशन कोर्ट में अपील करने को कहा
अदालत ने अंसारी को निर्देश दिया है कि, वह ऑडियो सीडी की वैधता और फॉरेंसिक रिपोर्ट से जुड़े सभी मुद्दे सेशन कोर्ट में लंबित अपील के जरिए उठाएं। हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद अब्बास अंसारी की कानूनी मुश्किलें और बढ़ गई हैं।
क्या है मामला ?
यह मामला 3 मार्च 2022 का है, जब विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान मऊ के पहाड़पुर मैदान में एक जनसभा में अब्बास अंसारी ने कथित तौर पर प्रशासनिक अधिकारियों को धमकी दी थी। उन्होंने मंच से कहा था कि, “सरकार बनने के बाद पहले एक महीने किसी का ट्रांसफर पोस्टिंग नहीं होगा। पहले हम हिसाब-किताब करेंगे, उसके बाद देखा जाएगा।”
एफआईआर और ट्रायल कोर्ट का फैसला
इस बयान के बाद 4 मार्च 2022 को मऊ कोतवाली में सब-इंस्पेक्टर गंगाराम बिंद की तहरीर पर अब्बास अंसारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। मामला गंभीर होने पर चुनाव आयोग ने भी संज्ञान लिया था। मऊ की एमपी-एमएलए कोर्ट (सीजेएम कोर्ट) ने 31 मई 2024 को फैसला सुनाते हुए अंसारी को दो साल की सजा और ₹3000 का जुर्माना लगाया था।
हाईकोर्ट में क्या दी गई थी दलील ?
अब्बास अंसारी ने अपनी याचिका में ऑडियो सीडी और फॉरेंसिक रिपोर्ट को चुनौती दी थी। उनका आरोप था कि, उनके भाषण को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया और इसे राजनीतिक साजिश के तहत इस्तेमाल किया गया है। लेकिन हाईकोर्ट ने इसे नकारते हुए कहा कि, वह इस विषय को सेशन कोर्ट में अपील के दौरान उठाएं।
कौन हैं अब्बास अंसारी ?
अब्बास अंसारी मऊ सदर से SBSP के विधायक रह चुके हैं और गैंगस्टर से नेता बने मुख्तार अंसारी के बेटे हैं। उनकी छवि एक आक्रामक वक्ता की रही है, लेकिन हेट स्पीच मामले ने उनकी राजनीतिक और कानूनी स्थिति को काफी कमजोर कर दिया है।