वर्दी यूपी पुलिस की, वफादारी छांगुर गैंग की,
धर्मांतरण रैकेट का सहयोगी निकला क्राइम ब्रांच अफसर, ऐसे खुली पोल
2 days ago
Written By: Ashwani Tiwari
Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश में बड़े पैमाने पर चल रहे अवैध धर्मांतरण रैकेट की जांच अब पुलिस महकमे के अंदर तक पहुंच चुकी है। गाजियाबाद पुलिस कमिश्नरेट में क्राइम ब्रांच के प्रभारी इंस्पेक्टर अब्दुल रहमान सिद्दीकी को निलंबित कर दिया गया है। पुलिस आयुक्त जे. रविंदर गौड़ ने यह कार्रवाई उनके ऊपर लगे गंभीर आरोपों के आधार पर की है। आरोप है कि सिद्दीकी का संबंध चर्चित छांगुर बाबा गैंग से था, जो आर्थिक रूप से कमजोर हिंदू और सिख लड़कियों को बहला-फुसलाकर धर्मांतरण कराने में जुटा था। इतना ही नहीं सिद्दीकी पर 2019 में मेरठ में तैनाती के दौरान जांच में लापरवाही और पीड़ित परिवार को धमकाने का भी आरोप है।
2019 में मेरठ की लड़की गायब
मामला वर्ष 2019 का है, जब मेरठ के सिविल लाइन थाना क्षेत्र से एक लड़की लापता हुई थी। परिवार का आरोप है कि छांगुर बाबा गैंग के सदस्य बदर अख्तर सिद्दीकी ने मॉडलिंग और बेहतर जीवन का लालच देकर लड़की को फंसाया और फिर अपहरण कर लिया। जब परिजन थाने पहुंचे, तो वहां तैनात इंस्पेक्टर अब्दुल रहमान सिद्दीकी ने कथित रूप से जांच में दिलचस्पी नहीं ली और उल्टा परिवार को शिकायत वापस लेने की धमकी दी। इस व्यवहार ने पूरे मामले को संदिग्ध बना दिया।
छांगुर बाबा गैंग और अंतरराष्ट्रीय फंडिंग का खुलासा
गैंग के मुख्य आरोपी छांगुर बाबा उर्फ जलालुद्दीन और उसकी सहयोगी नीतू उर्फ नसरीन को उत्तर प्रदेश एटीएस ने 5 जुलाई 2025 को लखनऊ से गिरफ्तार किया था। जांच में सामने आया कि इस गैंग को पाकिस्तान, दुबई, सऊदी अरब और तुर्की से 100-200 करोड़ रुपये की विदेशी फंडिंग मिली थी। इस पैसे का उपयोग धर्मांतरण और देशविरोधी गतिविधियों के लिए किया जा रहा था। गाजियाबाद के गोविंदपुरम इलाके से एक परिवार ने बताया कि उनकी बेटी को दुबई ले जाने का झांसा देकर गायब किया गया। परिवार ने 7-8 अन्य लड़कियों के गायब होने की बात भी कही।
सिद्दीकी पर कई मामलों को दबाने का आरोप
मेरठ पुलिस की सूचना के आधार पर गाजियाबाद पुलिस ने सिद्दीकी के खिलाफ जांच शुरू की। पता चला कि उन्होंने अपनी तैनाती के दौरान शिकायतों को नजरअंदाज किया और बदर अख्तर से मिलीभगत कर मामलों को दबाने की कोशिश की। सिद्दीकी को पिछले साल गणतंत्र दिवस पर गैलेंट्री मेडल से नवाजा गया था, लेकिन इन खुलासों ने उनकी छवि पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
पुलिस आयुक्त का सख्त संदेश
गाजियाबाद पुलिस कमिश्नर जे. रविंदर गौड़ ने कहा कि किसी भी सूरत में अनुशासनहीनता और अपराधियों से सांठगांठ बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सिद्दीकी को मिले सबूतों के आधार पर तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है और मामले की जांच जारी है। अब एटीएस और गाजियाबाद पुलिस मिलकर इस रैकेट में शामिल अन्य लोगों और फंडिंग के स्रोतों की भी जांच कर रही है। इस कार्रवाई के बाद अब पुलिस विभाग में अन्य संदिग्ध अधिकारियों की भी पड़ताल की मांग उठ रही है।