ढोल, मजीरे, हारमोनियम देकर गंवई संस्कृति बचाएगी सरकार, युवा कलाकारों को भी मिलेगा बढ़ावा,
जानें नई स्कीम में क्या क्या खास…
2 days ago
Written By: आदित्य कुमार वर्मा
उत्तर प्रदेश के सांस्कृतिक विभाग में गाँव की संस्कृति को जीवंत रखने के लिये बड़ा फैसला लिया है। ग्राम पंचायत स्तर पर लोक, कला और सस्कृतिक गतिविधियों के सञ्चालन, प्रस्तुतिकरण एवं गुरु-शिष्य परंपरा के निर्वहन के लिए ग्रामस्तरीय टोलियों को वाध्य यंत्र दिए जाने का निर्णय लिया गया है। संस्कृत विभाग ने ऐसी टोलियों को वाध्य यंत्र के रूप में, हारमोनियम, ढोलक, झांझ, मजीरा, घुंघुरू अनुदान के रूप में देगा ताकि लोक कला जीवित रहे।
सेट पर अनिवार्य होगा नामांकन
विशेष सचिव संस्कृति संजय कुमार सिंह द्वारा जारी पत्र के मुताबिक, लोक कलाकारों के हितार्थ एवं प्रोत्साहन के दृष्टिगत शत-प्रतिशत धनराशि विभाग द्वारा वहन की जायेगी। समिति द्वारा चयनित ग्राम पंचायतों को वाद्य-यंत्रों का एक-एक सेट इस हेतु आयोजित मुख्य समारोह में प्रदान किया जायेगा। वाद्ययंत्रों के सेट पर 'संस्कृति विभाग, उत्तर प्रदेश' का नाम अंकन कराया जाना अनिवार्य होगा। प्रत्येक वित्तीय वर्ष में, पूर्व में चयनित ग्राम पंचायतों, जिन्हें 'वाद्य-यंत्र - सेट' (हारमोनियम, ढोलक, झांझ, मंजीरा, घुंघरू) प्रदान किया जा चुका है, को छोड़कर, अन्य ग्राम पंचायतों का चयन किया जायेगा)
ग्राम पंचायतों की होगी रख-रखाव की जिम्मेदारी
वाद्य-यंत्रों के रख-रखाव एवं मरम्मत का दायित्व संबंधित ग्राम पंचायत का होगा। प्रत्येक ग्राम पंचायत द्वारा ग्रामसभा के ग्रामीणजनो/लोक कलाकारों द्वारा मांगे जाने पर वाद्य-यंत्र सांस्कृतिक आयोजनों हेतु उपलब्ध कराये जायेंगे जिसका विवरण सुरक्षित रखा जायेगा।
सरकारी प्रचार में भी होगा प्रयोग
आदेश के मुताबिक, वाद्य-यंत्रों का उपयोग उत्तर प्रदेश स्थानीय संस्कृति के अध्ययन, सांस्कृतिक विरासत का संरक्षण/संवर्धन के साथ ही स्वच्छ भारत मिशन, सर्व शिक्षा अभियान, महिला सशक्तिकरण, बेटी पढ़ाओ-बेटी बचाओ तथा सरकार द्वारा संचालित अन्य लाभार्थी योजनाओं के प्रचार-प्रसार हेतु भी किया जायेगा।
कलाकारों को भी मिलेंगे यंत्र
जानकारी के मुताबिक, ग्राम पंचायतों द्वारा युवा पीढ़ी को स्थानीय कला सांस्कृतिक विधाओं को प्रोत्साहित करने वाली गतिविधियों/कार्यक्रमों/प्रशिक्षणों को आयोजित कर बढ़ावा दिया जायेगा। बजट उपलब्धता की स्थिति में शासन के अनुमोदनानन्तरान्त लोक कलाकारों को भी वाद्य-यंत्र प्रदान किया जा सकेगा।