इंदौर से जबलपुर जा रही ट्रेन में घायल हालत में मिली 14 साल की लड़की,
झकझोर देने वाली आपबीती सुनाई
25 days ago
Written By: Ashwani Tiwari
Uttar Pradesh News: इंदौर से जबलपुर जा रही पैसेंजर ट्रेन में उस वक्त हड़कंप मच गया, जब यात्रियों ने जनरल कोच में एक 14 साल की लड़की को खून से सने कपड़ों में बेहोश पड़ा देखा। लड़की के गले, छाती और हाथों पर धारदार हथियार से कटे गहरे घाव थे। यात्रियों ने तुरंत रेलवे हेल्पलाइन को सूचना दी। ट्रेन जैसे ही शुजालपुर स्टेशन पहुंची, आरपीएफ और स्थानीय पुलिस ने महिला स्टाफ की मदद से लड़की को नीचे उतारा और अस्पताल पहुंचाया।
डरी-सहमी बच्ची के शरीर पर ब्लेड से कटने के निशान
आरपीएफ ने बताया कि उन्होंने 108 एंबुलेंस को बुलाया लेकिन देरी की बात सुनकर लड़की को ऑटो से शुजालपुर सरकारी अस्पताल भेजा गया। अस्पताल में मौजूद नहीं रहने पर डॉक्टर आभा जैन को कई बार कॉल किया गया लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया। बाद में अस्पताल इंचार्ज डॉ. शारदा रामसरिया खुद पहुंचीं और इलाज शुरू करवाया। काफी देर बाद डॉक्टर आभा जैन भी आ गईं। वहीं डॉ. रामसरिया ने बताया कि लड़की बहुत डरी हुई है। वह हर थोड़ी देर में होश में आकर मुझे बचा लो चिल्ला रही है। मेडिकल जांच में किसी तरह की यौन हिंसा के संकेत नहीं मिले हैं, लेकिन उसके शरीर पर ब्लेड जैसे धारदार हथियार से कई घाव हैं।
23 जून को लड़की घर से हुई थी लापता
घटना के बाद एक यात्री ने लड़की से उसके पिता का नंबर लेकर आरपीएफ को दिया। जब फोन किया गया तो पिता बबलू पाल ने बताया कि उनकी बेटी पूनम पाल 23 जून से लापता है और उन्होंने 24 जून को गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। बबलू ने बताया कि घर के पास रहने वाले सोनू यादव और रोहित राजपूत अक्सर पूनम को परेशान करते थे और उसी शिकायत को लेकर वह थाने गई थी। दोनों युवकों पर पहले से कई आपराधिक मामले दर्ज हैं।
चार लोगों ने लड़की को किया अगवा
पूनम ने बयान में बताया कि 23 जून की रात चार लोगों ने उसे जबरन जीप में बैठाया और कोई चीज सुंघाकर बेहोश कर दिया। दो दिन तक उसे बंदी बनाकर रखा गया और इंजेक्शन दिए गए। होश आने पर उसने खुद को भोपाल के रानी कमलापति स्टेशन के पास पाया, जहां से भागकर वह ट्रेन में बैठी और मथुरा पहुंच गई। वहां से ललितपुर लौटने के प्रयास में वह गलती से इंदौर चली गई। इसी दौरान वही चार लोग फिर मिल गए और उसे दोबारा बेहोश कर दिया।
मामले पर आरपीएफ और पुलिस ने साधी चुप्पी
आरपीएफ और स्थानीय पुलिस ने अभी तक इस मामले पर कोई आधिकारिक जानकारी साझा नहीं की है। अधिकारियों का कहना है कि केवल सीनियर अफसर ही बयान देंगे। फिलहाल बच्ची का इलाज जारी है और उसकी हालत स्थिर बताई जा रही है।