उपराष्ट्रपति धनखड़ के इस्तीफे पर विपक्ष ने उठाए सवाल,
कारण सिर्फ स्वास्थ्य, या फिर कुछ और
4 days ago
Written By: NEWS DESK
भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे ने देश की राजनीति में हलचल मचा दी है। उन्होंने अपने त्यागपत्र में स्वास्थ्य कारणों का हवाला दिया, जिसे राष्ट्रपति ने संविधान के अनुच्छेद 67(ए) के तहत स्वीकार कर लिया। हालांकि, संसद का मानसून सत्र शुरू होते ही यह इस्तीफा आया, जिससे विपक्ष ने इस कदम को लेकर गंभीर सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं। जहां एक ओर कांग्रेस, शिवसेना (UBT), CPI और अन्य विपक्षी नेताओं ने इस इस्तीफे को “अप्रत्याशित” और “रहस्यमयी” बताया है, वहीं कुछ नेताओं ने इसे धनखड़ के सरकार से असंतोष का संकेत भी माना है।
जयराम रमेश बोले: “जो दिख रहा है, उससे कहीं ज्यादा है”
वहीं कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने X (पूर्व ट्विटर) पर कहा, “इस अप्रत्याशित इस्तीफे में जो दिख रहा है, उससे कहीं ज्यादा है। प्रधानमंत्री मोदी को धनखड़ को मनाने की कोशिश करनी चाहिए। यह राष्ट्रहित में होगा, खासतौर पर कृषक समुदाय को राहत मिलेगी।” उन्होंने यह भी खुलासा किया कि वे 21 जुलाई की शाम 5 बजे तक अन्य सांसदों के साथ धनखड़ से मिले थे और 7:30 बजे फोन पर बातचीत भी हुई थी। रमेश के अनुसार, उपराष्ट्रपति न्यायपालिका से जुड़ी कुछ बड़ी घोषणाएं करने वाले थे और उन्होंने मंगलवार को कार्य मंत्रणा समिति की बैठक भी बुलाई थी। यह संकेत है कि इस्तीफा पूरी तरह स्वास्थ्य आधारित नहीं था, बल्कि कुछ राजनीतिक या संस्थागत मतभेद इसके पीछे हो सकते हैं।
शिवसेना और CPI ने भी जताई हैरानी
वहीं शिवसेना (UBT) नेता आनंद दुबे ने इस्तीफे को "चौंकाने वाला" बताया और कहा, “स्वास्थ्य चिंता का विषय होता, तो इस्तीफा सत्र से कुछ दिन पहले या बाद में दिया जाता। मानसून सत्र के पहले दिन यह निर्णय असामान्य है। सरकार में क्या चल रहा है?”
वहीं, CPI सांसद पी. संदोष कुमार ने कहा, “यह घटनाक्रम अप्रत्याशित है। हो सकता है धनखड़ सरकार से असंतुष्ट हों। मुझे नहीं लगता कि राष्ट्रपति इसे स्वीकार करेंगे, यह शायद सिर्फ शुरुआती प्रतिक्रिया हो।”
कपिल सिब्बल का संतुलित रुख
राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने एक संतुलित प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि, “धनखड़ राष्ट्रवादी और देशभक्त हैं। अगर उन्होंने स्वास्थ्य कारण बताए हैं, तो इसे स्वीकार करना चाहिए। मैं निजी तौर पर दुखी हूं क्योंकि संसद में अब उनसे मुलाकात नहीं होगी। वे निष्पक्ष थे और मुझे अक्सर अतिरिक्त समय देते थे।”
विपक्ष के अन्य नेताओं की प्रतिक्रियाएं:
जेबी माथेर (कांग्रेस): “धनखड़ ने सुबह सत्र की अध्यक्षता की, शाम को इस्तीफा दे दिया। यह बेहद अप्रत्याशित है।”
दानिश अली (कांग्रेस): “रहस्यमयी चीजें हो रही हैं। इस्तीफे का कारण स्वास्थ्य नहीं लगता। भाजपा के कुछ नेताओं से उनके मतभेद थे।”
सुखदेव भगत (कांग्रेस): “राजनीति में कुछ भी अचानक नहीं होता। पटकथा पहले से लिखी जाती है। बिहार चुनाव नजदीक हैं। ये भी कारण हो सकते हैं।”