स्कूल विलय के खिलाफ यूपी में बढ़ता विरोध,
पल्लवी पटेल ने सरकार पर लगाए गंभीर आरोप
11 days ago
Written By: संदीप शुक्ला
उत्तर प्रदेश में परिषदीय स्कूलों के विलय को लेकर सियासत तेज हो गई है। लखनऊ में सोमवार को समाजवादी पार्टी के प्रदर्शन के बाद अब मंगलवार, 15 जुलाई को अपना दल (कमेरावादी) की अध्यक्ष पल्लवी पटेल ने पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ जोरदार प्रदर्शन किया। नावेल्टी चौराहे से विधानसभा की ओर बढ़ रहे प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाकर रोक दिया, जिस पर वहां पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच नोकझोंक भी हुई।
सरकार पर तानाशाही का आरोप
वहीं पल्लवी पटेल ने सरकार के फैसले को तानाशाही करार देते हुए कहा कि देश का संविधान हर नागरिक को शिक्षा का अधिकार देता है, लेकिन सरकार की मौजूदा नीति लोकतंत्र के मूल अधिकारों के साथ खिलवाड़ कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह सब एक योजनाबद्ध तरीके से किया जा रहा है, पहले सरकारी संस्थानों में भर्तियाँ रोकी गईं, फिर निजीकरण की नीति लाई गई, और अब गरीबों के बच्चों की शिक्षा पर सीधा हमला किया जा रहा है। पल्लवी पटेल ने कहा कि 27746 प्राथमिक स्कूलों को बंद करने का फैसला सीधे तौर पर ग्रामीण और गरीब तबके के बच्चों को शिक्षा से दूर करने का प्रयास है। ये स्कूल वे हैं जहाँ गरीबों के बच्चे पढ़ते हैं, और इन्हें बंद करना राइट टू एजुकेशन एक्ट के खिलाफ है।
सरकार का पक्ष
वहीं इसपर सरकार की ओर से कहा गया है कि यह फैसला छात्रों और अभिभावकों के हित में है। स्कूलों को जोड़ा (पेयर्ड) जा रहा है ताकि संसाधनों का बेहतर उपयोग हो सके। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को समीक्षा बैठक में निर्देश दिए कि 50 से अधिक छात्रों वाले स्कूलों को बंद न किया जाए, और जहां स्कूल बंद हों, वहाँ आंगनवाड़ी केंद्र खोले जाएं ताकि स्थानीय स्तर पर सुविधा बनी रहे। हालांकि विरोध कर रहे पक्षों का मानना है कि यह निर्णय शिक्षा के सार्वभौमिक अधिकार को कमजोर करने की दिशा में एक खतरनाक कदम है, और इसे वापस लिया जाना चाहिए।