पोस्टर से दिया बड़ा संदेश: संजय निषाद के तेवरों से मचा सियासी हड़कंप,
बीजेपी पर सीधा दबाव
7 days ago
Written By: Ashwani Tiwari
UP Politics: उत्तर प्रदेश की राजनीति में इन दिनों निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और कैबिनेट मंत्री डॉ. संजय निषाद चर्चा का विषय बने हुए हैं। सहारनपुर से लेकर लखनऊ तक, उनके घर के बाहर लगे पोस्टरों ने सियासी गलियारों में खलबली मचा दी है। पोस्टरों पर लिखा है निषाद की ताक़त को मत आजमाओ, भरोसे को यूं मत गवाओ। यह संदेश साफ तौर पर सत्ता पक्ष को चेतावनी देता दिखाई देता है कि निषाद समाज की अनदेखी अब और बर्दाश्त नहीं होगी। इन पोस्टरों में डॉ. संजय निषाद के साथ-साथ प्रवीण कुमार निषाद, सरवन कुमार निषाद और ब्रिजेंद्र कुमार त्रिपाठी की तस्वीरें भी शामिल हैं।
पहले भी जता चुके हैं नाराज़गी
डॉ. संजय निषाद लंबे समय से अपनी पार्टी और निषाद समाज के हक की लड़ाई लड़ते रहे हैं। हाल ही में उन्होंने सरकार में उपेक्षा का आरोप लगाकर अपनी नाराज़गी जताई थी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात के बाद माना जा रहा था कि मामला शांत हो जाएगा। लेकिन इन पोस्टरों ने एक बार फिर साफ कर दिया है कि नाराज़गी अभी खत्म नहीं हुई है और सियासी खींचतान अभी जारी है।
बीजेपी को ताक़त दिखाने की कोशिश
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि यह पोस्टर केवल गुस्से का इजहार नहीं बल्कि सत्ता पक्ष को ताक़त का अहसास कराने की कोशिश है। पिछले विधानसभा चुनावों में निषाद समाज ने बीजेपी को खुलकर समर्थन दिया था, जिसका असर नतीजों में भी दिखा। ऐसे में अगर निषाद समाज नाराज होता है तो इसका सीधा असर चुनावी समीकरणों पर पड़ सकता है और बीजेपी को नुकसान उठाना पड़ सकता है।
विपक्ष को मिला मौका
इन पोस्टरों ने विपक्षी दलों को भी एक बड़ा मुद्दा थमा दिया है। समाजवादी पार्टी और कांग्रेस इस मौके का फायदा उठाकर बीजेपी के सहयोगियों की नाराज़गी को और हवा देने की कोशिश कर रही हैं। वहीं, बीजेपी नेतृत्व के सामने चुनौती है कि सहयोगी दलों को कैसे साधा जाए। अगर नाराज़गी गहराती है तो यह केवल संगठनात्मक स्तर पर ही नहीं, बल्कि सामाजिक समीकरणों पर भी गहरा असर डाल सकती है।