‘कच्चे आम’ पर गरमाई सियासत,
अखिलेश यादव के तंज पर डिप्टी सीएम केशव मौर्य का पलटवार
21 days ago
Written By: NEWS DESK
उत्तर प्रदेश की राजनीति में इन दिनों ‘आम’ एक खास राजनीतिक मुद्दा बन गया है। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के बीच यह बहस एक आम की तस्वीर से शुरू हुई, जो अब राजनीतिक कटाक्ष और पुराने सियासी घावों को कुरेदने तक पहुंच चुकी है।
अखिलेश यादव का ‘कच्चा आम’ वाला तंज
दरअसल पूरा विवाद तब शुरू हुआ जब लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तीन दिवसीय आम महोत्सव का उद्घाटन किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री की एक तस्वीर वायरल हुई, जिसमें उनके हाथ में हरे रंग का आम था। इसी पर अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए तंज कसा, "कच्चे आम कह रहे पकाओ मत!" इस टिप्पणी के बाद सियासी बयानबाज़ियों का दौर शुरू हो गया।
डिप्टी सीएम का जवाबी हमला
जिसके बाद अखिलेश यादव के इस कटाक्ष का जवाब देने में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने देर नहीं की। उन्होंने बिना नाम लिए अखिलेश पर निशाना साधते हुए लिखा कि, "नेताजी ने 2012 में एक कच्चे आम को पका हुआ आम समझने की भूल की थी। इसे लेकर वह जीवन पर्यंत पछताते रहे।" इस बयान को राजनीतिक विश्लेषक सीधे तौर पर मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव के संबंधों से जोड़कर देख रहे हैं।
2012 की सियासी पृष्ठभूमि फिर चर्चा में
जिसके बाद केशव मौर्य के बयान से 2012 की राजनीतिक घटनाएं फिर सुर्खियों में आ गईं, जब समाजवादी पार्टी ने पूर्ण बहुमत से जीत दर्ज की थी और मुलायम सिंह यादव ने अपने बेटे अखिलेश यादव को मुख्यमंत्री बना दिया था। लेकिन 2017 के चुनाव से पहले ही पार्टी में आंतरिक मतभेद और टूट की स्थिति बन गई थी। अखिलेश यादव ने अपने पिता को पार्टी अध्यक्ष पद से हटाकर मार्गदर्शक मंडल में डाल दिया था, जिससे उनके आपसी संबंधों में खटास आ गई थी।
आम से सियासी कटाक्ष तक
वहीं, इस पूरे घटनाक्रम में एक साधारण ‘आम’ की तस्वीर ने यूपी की राजनीति को गर्मा दिया है। जहां एक ओर अखिलेश यादव ने कच्चे आम की बात कहकर सत्ता पक्ष को घेरने की कोशिश की, वहीं दूसरी ओर केशव मौर्य ने उसी आम को ‘पुरानी गलती’ से जोड़ते हुए पलटवार कर दिया। अब देखना ये है कि, यह ‘आम विवाद’ आगे और कौन-कौन सी सियासी परतें खोलेगा।