जनगणना 2027 पर अखिलेश यादव का बड़ा बयान,
कहा- आंकड़ों से हेराफेरी न हो इसलिए सभी को रहना होगा सतर्क
1 months ago
Written By: NEWS DESK
केंद्र सरकार द्वारा जनगणना 2027 को लेकर अधिसूचना जारी होने के बाद राजनीतिक प्रतिक्रियाएं तेज़ हो गई हैं। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस मुद्दे पर सरकार की मंशा पर सवाल खड़े किए हैं। अखिलेश यादव ने कहा है कि, "जनगणना अब तय हो गई है, लेकिन हमें सावधान रहना होगा। बीजेपी के आंकड़ों पर किसी को भरोसा नहीं है।" उन्होंने आगाह किया कि, कहीं का कहीं आंकड़ा जोड़ दिया गया, तो इसका असर सामाजिक न्याय और संसाधन वितरण पर गहराई से पड़ेगा।
अखिलेश यादव ने जताई शंका
अखिलेश यादव ने जनगणना को लेकर कहा है कि, देश में अब सेंसस की तारीख सामने आ चुकी है। सभी को मिलकर काम करना होगा ताकि आंकड़ों में कोई गड़बड़ी न हो सके। उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार पर भरोसा करना मुश्किल है, इसलिए लोगों को जागरूक और सतर्क रहना होगा। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अखिलेश यादव के साथ मौलाना इकबाल कादरी भी मौजूद थे। उन्होंने योगी सरकार पर निशाना साधा, जिस पर अखिलेश खुद ताली बजाते नजर आए।
क्या कहती है अधिसूचना ?
दरअसल केंद्र सरकार ने सोमवार, 16 जून 2025 को अधिसूचना जारी करते हुए भारत की 16वीं जनगणना की तिथि तय कर दी है। अधिसूचना के अनुसार:
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हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख जैसे बर्फबारी वाले क्षेत्रों में जनगणना की शुरुआत 1 अक्टूबर 2026 से होगी।
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देश के बाकी हिस्सों में जनगणना 1 मार्च 2027 को शुरू होगी, और उसी दिन को 'संदर्भ तिथि' माना जाएगा।
यह जनगणना दो चरणों में की जाएगी:
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हाउसलिस्टिंग ऑपरेशन (HLO) – इसमें घरों की स्थिति, सुविधाएं और संपत्ति से संबंधित जानकारी जुटाई जाएगी।
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जनसंख्या गणना (PE) – इसमें हर व्यक्ति की सामाजिक, सांस्कृतिक, आर्थिक स्थिति से संबंधित जानकारी दर्ज की जाएगी।
जातिगत आंकड़ों की भी गणना
वहीं इस बार की जनगणना में जातिगत गणना भी शामिल होगी। यह कदम लंबे समय से विभिन्न सामाजिक संगठनों और राजनीतिक दलों की मांग का हिस्सा रहा है। सरकार के अनुसार, इस काम में लगभग 34 लाख गणनाकर्ता और 1.3 लाख डिजिटल उपकरणों से लैस कर्मचारी शामिल होंगे। जनसंख्या से संबंधित आंकड़ों को आधुनिक तकनीक से एकत्रित किया जाएगा।
केंद्रीय गृह मंत्री ने की समीक्षा
इस अधिसूचना से पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गृह सचिव, भारत के रजिस्ट्रार जनरल और जनगणना आयुक्त मृत्युंजय कुमार नारायण के साथ बैठक की थी। बैठक में जनगणना की तैयारी की समीक्षा की गई। जनगणना 2027 को लेकर राजनीतिक बहस अभी और तेज होने की संभावना है, खासतौर पर तब जब इसमें जातिगत आंकड़े भी शामिल किए जा रहे हैं। समाजवादी पार्टी सहित अन्य विपक्षी दल इस प्रक्रिया में पारदर्शिता की मांग कर रहे हैं। ऐसे में आने वाले समय में जनगणना न सिर्फ एक प्रशासनिक कार्य बल्कि एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन सकती है।