कांवड़ यात्रा में नेम प्लेट विवाद पर भड़के मौलाना तौकीर रजा,
कहा– मुस्लिमों की पहचान उजागर कर नफरत फैला रही है सरकार
22 days ago
Written By: NEWS DESK
उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा के दौरान खाने-पीने की दुकानों पर नेम प्लेट लगाने को लेकर सियासत गर्म हो गई है। इस बीच इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल के प्रमुख मौलाना तौकीर रजा ने सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने इस आदेश को मुस्लिम विरोधी बताया और कहा कि, इससे सरकार की मुस्लिम दुश्मनी साफ ज़ाहिर होती है।
"भाजपा की सियासत मुस्लिम विरोध पर टिकी है"
यहां मौलाना ने कहा है कि, मुसलमान कभी कांवड़ यात्रा के आड़े नहीं आते हैं। फिर भी इस तरह के आदेश देकर सरकार नफरत फैलाने का काम कर रही है। मौलाना तौकीर रजा ने आआगे कहा है कि, भारतीय जनता पार्टी की पूरी राजनीति मुस्लिम विरोध पर आधारित है। अगर मुसलमानों के खिलाफ नफरत फैलाना बंद कर दें तो भाजपा चुनावों में कहीं नज़र नहीं आएगी। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा का एक ही एजेंडा है– देश में हिन्दू-मुस्लिम के बीच खाई बनाओ, नफरत बढ़ाओ और सत्ता हासिल करो।
"कांवड़ यात्रा से मुसलमानों को नहीं ऐतराज"
मौलाना ने कहा है कि, कांवड़ यात्रा एक धार्मिक आस्था का विषय है और यह हमेशा से निकलती रही है। इसमें मुसलमानों की कोई आपत्ति नहीं है। उन्होंने कहा कि, मुसलमान कभी भी किसी की आस्था में दखल नहीं देता। विवाद खड़ा कौन कर रहा है और इसका फायदा किसे हो रहा है– यह सोचने की बात है।
"देश अघोषित आपातकाल से गुजर रहा है"
आपातकाल का ज़िक्र करते हुए मौलाना तौकीर रजा ने कहा है कि, भारत आज अघोषित आपातकाल से गुजर रहा है। उन्होंने कहा, “हमने आपातकाल देखा है, लेकिन आज जो हालात हैं, वो उससे कहीं ज्यादा भयावह हैं। आज कोई बोल नहीं सकता, ED और बुलडोजर का खौफ है।”
"कांवड़ के दौरान खुले में मांस नहीं बिकना चाहिए, लेकिन..."
मौलाना ने यह भी कहा है कि, कांवड़ यात्रा के दौरान खुले में मांस नहीं बेचना चाहिए। ऐसा करना धार्मिक भावना को ठेस पहुंचा सकता है। लेकिन साथ ही उन्होंने सवाल उठाया कि मुसलमानों से इतनी नफरत है किक, दुकानों पर पेंट उतरवाने जैसी कार्रवाई हो रही है। यह बेरोजगार और दंगा फैलाने की मानसिकता वाले लोग कर रहे हैं। मौलाना ने मांग की कि, ऐसे लोगों पर देशद्रोह और आतंकी धाराओं में केस दर्ज होना चाहिए।
"ब्लड बैंक से खून लेते वक्त नेम प्लेट क्यों नहीं देखी जाती?"
नेम प्लेट के मुद्दे पर मौलाना ने तंज कसते हुए कहा है कि, जब किसी ठाकुर या पंडित को खून की जरूरत होती है और ब्लड बैंक से खून आता है, तब उस पर कोई नेम प्लेट क्यों नहीं लगाई जाती? तब उनकी आस्था को ठेस क्यों नहीं पहुंचती? उन्होंने कहा है कि, यह सब केवल समाज को बांटने और मुसलमानों को निशाना बनाने की साजिश है।