स्वामी के CM बनने के सपने पर सियासी घमासान,
महान दल के केशवदेव बोले – "नासमझ नेताओं को राजनीति नहीं करनी चाहिए"
1 months ago
Written By: NEWS DESK
उत्तर प्रदेश की राजनीति में सियासी मोर्चेबंदी फिर से तेज होती दिख रही है। पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने नौ छोटे-छोटे दलों को मिलाकर नए राजनीतिक गठबंधन 'लोक मोर्चा' का गठन कर दिया है और खुद को 2027 विधानसभा चुनाव के लिए मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार भी घोषित कर दिया है। उनके इस ऐलान ने प्रदेश की सियासत में हलचल मचा दी है, लेकिन साथ ही उन पर तंज भी शुरू हो गए हैं।
“नासमझ नेताओं को नहीं करनी चाहिये राजनीती”
समाजवादी पार्टी के सहयोगी और महान दल के नेता केशवदेव मौर्य ने इस नए गठबंधन और स्वामी प्रसाद मौर्य की महत्वाकांक्षा को हास्यास्पद बताते हुए उन पर करारा हमला बोला है। एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए केशवदेव मौर्य ने लिखा कि नासमझ नेताओं को राजनीति नहीं करनी चाहिए। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में हर चुनाव से पहले कुछ नेता मिलकर मोर्चा बनाते हैं और मुख्यमंत्री बनने का सपना देखने लगते हैं, लेकिन चुनाव परिणाम आते ही हकीकत सामने आ जाती है, जहां इनकी पार्टी के प्रत्याशियों को सौ-दो सौ वोट भी नहीं मिलते।
“टिकट मिला और मोर्चा ख़त्म”
केशवदेव मौर्य ने कहा कि इन नेताओं को राजनीति की शिक्षा किसी गांव के चौराहे पर जाकर लेनी चाहिए, क्योंकि वहां बैठकर चर्चा करने वाले लोगों को भी इन नेताओं से ज्यादा सियासत की समझ है। उन्होंने स्वामी प्रसाद मौर्य को सीधे-सीधे मंदबुद्धि और नासमझ नेता करार देते हुए कहा कि ऐसे लोगों को राजनीति नहीं करनी चाहिए। अपनी बात को और पुख्ता करते हुए उन्होंने 2022 के विधानसभा चुनाव का हवाला दिया, जब बाबू सिंह कुशवाहा ने भी कुछ दलों को मिलाकर भागीदारी मोर्चा बनाया था। लेकिन बाद में समाजवादी पार्टी ने उन्हें टिकट दे दिया और मोर्चा वहीं खत्म हो गया।
“स्वामी का दावा”
इस नई राजनीतिक कोशिश को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं कि, क्या यह एक ठोस जनाधार खड़ा कर पाएगी या फिर यह भी एक बार फिर चुनावी मौसम में बनने और बिखरने वाला मंच बनकर रह जाएगा? स्वामी प्रसाद मौर्य ने दावा किया है कि 'लोक मोर्चा' हाशिये पर खड़े वर्गों को साथ लेकर राजनीति में नया विकल्प पेश करेगा। इसमें उनकी ‘जनता पार्टी’ के अलावा राष्ट्रीय समानता दल, सम्यक पार्टी, जनसेवा दल, पोलिटिकल जस्टिस पार्टी, सर्वलोकहित समाज पार्टी, स्वतंत्र जनता राज पार्टी, सबका दल (U) और लोकतंत्र सुरक्षा पार्टी जैसे दल शामिल हैं।