सपा नेता एसटी हसन के बयान पर भड़के संत राजू दास,
कहा- क्या कावड़ियों को मांस और शराब पिलाना चाहता है विपक्ष
2 months ago
Written By: NEWS DESK
समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता एसटी हसन द्वारा कांवड़ यात्रियों की तुलना आतंकवादियों से किए जाने पर संत समाज में भारी नाराज़गी देखने को मिल रही है। विशेष रूप से अयोध्या हनुमानगढ़ी के प्रमुख संत राजू दास ने इस बयान को "सनातन धर्म का अपमान" बताते हुए तीखी प्रतिक्रिया दी है।
सपा ने लिया है अपमान करने का ठेका
संत राजू दास ने एक वीडियो बयान में कहा है कि, सपा नेता एसटी हसन ने कांवड़ यात्रा को लेकर जो बयान दिया है, वह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। आतंकवादी संगठन और कांवड़ियों की तुलना करना निंदनीय और आपत्तिजनक है। ऐसा लगता है कि, समाजवादी पार्टी ने सनातन धर्म का अपमान करने का ठेका ले लिया है।
संत ने यह भी कहा कि कांवड़ यात्रा एक शांतिपूर्ण धार्मिक यात्रा है, जिसमें लाखों श्रद्धालु भाग लेते हैं। ऐसी तुलना करके न सिर्फ श्रद्धालुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाई गई है, बल्कि धार्मिक माहौल को भी भड़काने की कोशिश की गई है।
थूक और मूत्र जैसी घटनाएं आ चुकी हैं सामने
राजू दास ने सरकार द्वारा जारी गाइडलाइंस को उचित बताते हुए कहा कि, कांवड़ मार्ग पर मांस और शराब की दुकानों को बंद किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जिस रास्ते से कांवड़ यात्री गुजरते हैं, वहां मांस-मदिरा की दुकानें बंद रहनी चाहिए। दुकानों पर मालिक का नाम स्पष्ट रूप से लिखा होना चाहिए। 'हिंदू सेवा सुरक्षा संघ' इसकी सख्ती से मांग करता है।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि, कई बार थूक या पेशाब जैसी गंदी हरकतों के जरिए खाद्य सामग्री बेचने की घटनाएं सामने आई हैं, जो अत्यंत गंभीर हैं। ऐसी घटनाओं से यात्रा में शामिल श्रद्धालुओं की सुरक्षा और स्वास्थ्य पर खतरा पैदा होता है। सरकार को पूरी सतर्कता के साथ गाइडलाइन का पालन कराना चाहिए।
कांवड़ियों को मांस और शराब पिलाना चाहता है विपक्ष
विपक्ष पर तंज कसते हुए संत राजू दास ने कहा कि, क्या विपक्ष चाहता है कि कांवड़ यात्रियों को मांस खिलाया जाए या शराब पिलाई जाए? अगर उनकी यही मंशा है, तो यह बेहद निंदनीय है। विपक्ष को धार्मिक मामलों पर राजनीति से बचना चाहिए।
ST हसन का विवादित बयान
दरअसल, सपा नेता एसटी हसन ने एक इंटरव्यू में कहा था कि "क्या आम नागरिक किसी दुकानदार की पैंट उतरवाकर चेक कर सकते हैं? क्या पहलगाम में आतंकियों ने पैंट नहीं उतरवाई थी? फिर दोनों में क्या फर्क रह गया?" इस बयान में उन्होंने हाल ही में मुजफ्फरनगर में हुई एक घटना पर टिप्पणी करते हुए कांवड़ियों की तुलना आतंकियों से कर दी, जिससे विवाद और विरोध की लहर उठ गई।
संत समाज में आक्रोश
संत समाज और आम श्रद्धालुओं की ओर से यह मांग उठ रही है कि, धार्मिक यात्राओं और आस्था से जुड़े मामलों पर राजनीति बंद होनी चाहिए। एसटी हसन के बयान ने एक बार फिर धर्म और राजनीति के टकराव को उजागर कर दिया है।