अखिलेश यादव की चुनावी रणनीति तैयार, 2027 से पहले ही घोषित होंगे उम्मीदवार,
देखें प्राथमिकता पर किस तरह के कैंडीडेट
1 months ago Written By: Ashwani Tiwari
UP Politics : उत्तर प्रदेश में 2027 के विधानसभा चुनाव अभी भले ही दूर हों, लेकिन समाजवादी पार्टी (सपा) ने अपनी चुनावी तैयारियां तेज कर दी हैं। पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव लगातार बैठकों और चर्चाओं के जरिए संगठन से फीडबैक ले रहे हैं। सपा इस बार रणनीतिक रूप से ऐसा कदम उठाने की योजना बना रही है, जिससे उसके उम्मीदवारों की जमीन मजबूत हो और उन्हें जनता से जुड़ने का पर्याप्त समय मिल सके। पार्टी का लक्ष्य है कि समय से पहले तैयारी करके चुनावी माहौल में बढ़त हासिल की जा सके।
समय से पहले टिकट की रणनीति सूत्रों के मुताबिक, समाजवादी पार्टी 2027 के चुनाव में 2012 की तर्ज पर टिकट वितरण की रणनीति अपनाने जा रही है। उस समय भी पार्टी ने चुनाव से लगभग एक साल पहले ही उम्मीदवारों की घोषणा कर दी थी, जिसका उसे लाभ मिला था। इसी तरह, इस बार भी बिहार विधानसभा चुनाव खत्म होते ही सपा कई सीटों पर उम्मीदवारों के नाम घोषित कर सकती है। इससे उम्मीदवारों को अपने क्षेत्र में काम करने और जनता के बीच पहुंच बनाने का लंबा समय मिलेगा।
सामाजिक समीकरण पर फोकस पार्टी पहले ही साफ कर चुकी है कि टिकट वितरण में पिछड़े वर्ग, दलितों और अल्पसंख्यकों को प्राथमिकता दी जाएगी। सपा का मानना है कि सामाजिक न्याय और सर्वसमाज की भागीदारी ही 2027 के चुनाव में उसे मजबूत बना सकती है। यही कारण है कि उम्मीदवारों के चयन में सामाजिक संतुलन पर खास ध्यान दिया जाएगा।
गठबंधन और संगठनात्मक तैयारी सपा के सामने यह भी बड़ा सवाल है कि क्या वह 2027 का चुनाव अकेले लड़ेगी या किसी महागठबंधन का हिस्सा बनेगी। खासकर कांग्रेस के साथ तालमेल को लेकर चर्चाएं तेज हैं, क्योंकि कई सीटों पर टिकट बंटवारे में तालमेल जरूरी होगा। वहीं, अखिलेश यादव ने पार्टी पदाधिकारियों, वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ लगातार बैठकें शुरू कर दी हैं। इसके साथ ही युवा मोर्चा, महिला मोर्चा और अल्पसंख्यक मोर्चा जैसे विभिन्न संगठनों से भी बातचीत की जा रही है। इन बैठकों का मकसद जमीनी स्तर पर कार्यकर्ताओं की राय जानना और संगठन को चुनावी मोड में लाना है।