सपा से बागी विधायकों की विधायकी पर संकट ?
जाने दल-बदल क़ानून से कैसे मिलेगी राहत
1 months ago
Written By: NEWS DESK
लखनऊ: समाजवादी पार्टी (सपा) ने सोमवार को बड़ा फैसला लेते हुए तीन बागी विधायकों – अभय सिंह (गोसाईगंज), राकेश प्रताप सिंह (गौरीगंज) और मनोज कुमार पांडेय (ऊंचाहार) को पार्टी से निष्कासित कर दिया है। इन तीनों पर पार्टी विरोधी गतिविधियों, विशेषकर राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग का आरोप है। जिसके बाद उनकी विधायकी को लेकर सवाल उठाने लगे हैं। वहीं सपा द्वारा उनके निष्कासन के बाद इन आशंकाओं पर वीरम लग गया है।
क्यों नहीं लागू होगा दल बदल कानून?
दरअसल, सपा से निष्कासित किए जाने के बाद अब इन तीनों विधायकों पर दल बदल कानून लागू नहीं होगा। तकनीकी रूप से जब किसी विधायक को उसकी पार्टी स्वयं निष्कासित कर देती है, तो उसके ऊपर दल बदल कानून के तहत सदस्यता समाप्ति का खतरा नहीं रहता। इसका सीधा अर्थ यह है कि, जब तक ये विधायक स्वेच्छा से इस्तीफा नहीं देते, उनकी विधानसभा सदस्यता सुरक्षित रहेगी। विधानसभा स्पीकर द्वारा इन्हें अब निर्दलीय विधायक (Unattached Members) के रूप में मान्यता दी जा सकती है।
बीजेपी से नजदीकियों की चर्चा
गौरतलब है कि, इन तीनों विधायकों के बीजेपी से नज़दीकियों की चर्चा पिछले वर्ष राज्यसभा चुनावों के दौरान तब शुरू हुई, जब उन्होंने पार्टी लाइन से हटकर वोटिंग की थी। सपा ने लंबे समय तक निगरानी के बाद अब जाकर इन्हें निष्कासित किया है।
स्पीकर की प्रतिक्रिया
वहीं विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने इस पूरे मामले पर कहा है कि, "यदि कोई विधायक संबंधित राजनीतिक दल से निष्कासित किया गया हो, तो उस पर दल बदल कानून लागू नहीं होता। दल बदल कानून की कार्रवाई तब ही संभव है, जब पार्टी विधान सभा सचिवालय को इस आशय की याचिका दे। अंतिम निर्णय तथ्यों और परिस्थितियों के गुण-दोष के आधार पर होता है।"