सावन में शराब बिक्री पर भड़के सपा नेता डॉ. एस.टी. हसन,
बोले – मांस बंद तो शराब क्यों नहीं
15 days ago
Written By: NEWS DESK
उत्तर प्रदेश में सावन माह के दौरान कांवड़ यात्रा को लेकर एक बार फिर राजनीति गरमा गई है। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और मुरादाबाद से पूर्व सांसद डॉ. एस.टी. हसन ने योगी सरकार पर सीधा निशाना साधा है। उन्होंने कांवड़ मार्गों पर मांस की दुकानों के बंद होने और शराब की दुकानों के खुले रहने को लेकर दोहरा मापदंड बताया है और इस नीति को एकतरफा करार दिया है।
शराब और मांस में भेदभाव क्यों?
डॉ. हसन ने कहा कि सरकार ने मांस की दुकानों को बंद करने का आदेश दिया है, लेकिन शराब की दुकानों को केवल पर्दा डालकर संचालन की अनुमति दे दी गई है। उन्होंने तीखा सवाल उठाया कि अगर मांस से कांवड़ की पवित्रता भंग होती है तो शराब से क्यों नहीं? उन्होंने कहा, “जितना मांस अपराधी है, उतनी ही शराब भी अपराधी है। फिर यह भेदभाव क्यों?”
राजस्व के लालच का आरोप
सपा नेता ने साफ तौर पर कहा है कि सावन के महीने में हिंदू भाई शराब को भी अशुद्ध मानते हैं और उसका सेवन नहीं करते। बावजूद इसके, सरकार शराब की दुकानों को चालू रख रही है, सिर्फ इसलिए क्योंकि उससे सरकार को भारी राजस्व प्राप्त होता है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा है कि, “क्या सरकार को सिर्फ कांवड़ मार्ग पर बिकने वाली शराब से ही सारा राजस्व मिलता है?”
पर्दे के पीछे चलें मांस की दुकाने
डॉ. हसन ने तर्क दिया कि, यदि शराब की दुकानों को पर्दे के पीछे संचालित करने की छूट मिल सकती है, तो फिर मांस की दुकानों और नॉनवेज होटल्स को भी यही सुविधा दी जानी चाहिए। उन्होंने इसे गरीबों की आजीविका से जुड़ा सवाल बताया और कहा कि सिर्फ धार्मिक दिखावे के नाम पर एक वर्ग विशेष के व्यापार पर पाबंदी लगाना अन्याय है।
धार्मिक भेदभाव का आरोप
इतना ही नहीं, डॉ. एस.टी. हसन ने योगी सरकार पर धर्म के नाम पर भेदभाव करने और जनता के हितों की अनदेखी करने का आरोप भी लगाया। उन्होंने कहा, “सरकार को जनता और धार्मिक भावनाओं को ध्यान में रखते हुए नीति बनानी चाहिए, न कि सिर्फ राजस्व कमाने की सोच रखनी चाहिए।”
फिल्म पर प्रतिबंध का स्वागत
इसके साथ ही उन्होंने फिल्म ‘उदयपुर फाइल्स’ पर दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा लगाए गए प्रतिबंध का स्वागत किया और कहा कि यह फिल्म मुसलमानों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाली थी। कोर्ट का फैसला देश में सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है।
क्यों बिगड़े हसन ?
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में 11 जुलाई से शुरू हुई कांवड़ यात्रा के चलते सरकार ने प्रदेश भर में मांस की दुकानों को बंद करने और शराब की दुकानों को पर्दे के पीछे संचालन की अनुमति देने का आदेश दिया है। इसी सरकारी गाइडलाइन पर सवाल खड़े करते हुए डॉ. एस.टी. हसन ने मांग की है कि अगर धार्मिक पवित्रता का सवाल है तो दोनों तरह की दुकानों पर समान रूप से कार्रवाई होनी चाहिए।