साध्वी प्राची का विवादित बयान: मुस्लिम कांवड़ कारीगरों पर उठाए सवाल,
आईडी जांच कराने की मांग
12 days ago
Written By: NEWS DESK
कांवड़ यात्रा के दौरान एक बार फिर विश्व हिंदू परिषद की फायरब्रांड नेत्री साध्वी प्राची का बयान चर्चा में है। मुजफ्फरनगर के मेरठ रोड स्थित एक रिसॉर्ट में पत्रकारों से बातचीत के दौरान साध्वी ने कांवड़ यात्रा की सराहना करते हुए इसे "भोले के रंग में रंगा" बताया, लेकिन साथ ही यात्रा में ‘जिहादी साजिश’ का आरोप लगाकर विवाद खड़ा कर दिया है।
कांवड़ में मुस्लिम कारीगरों की भूमिका पर उठाए सवाल
साध्वी प्राची ने आरोप लगाया है कि, हरिद्वार में करीम, नौशाद, इरशाद जैसे मुस्लिम नाम वाले लोग कांवड़ बना रहे हैं, जो धार्मिक भावनाओं के साथ खिलवाड़ है। उन्होंने मांग की कि कांवड़ निर्माण का कार्य केवल हिंदू कारीगरों को दिया जाए और कारीगरों की आईडी जांच अनिवार्य की जाए। उन्होंने कांवड़ियों से अपील की कि वे केवल हिंदू कारीगरों द्वारा बनाई गई कांवड़ ही उपयोग करें ताकि धार्मिक शुद्धता बनी रहे और हिंदुओं को रोजगार मिले।
'कालनेमि अभियान' की तारीफ, यूपी में भी मांग
साध्वी ने उत्तराखंड सरकार के 'कालनेमि अभियान' की तारीफ करते हुए इसे भगवा वस्त्रों का दुरुपयोग कर अपराध करने वालों पर कार्रवाई के लिए सराहनीय बताया। उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार से भी ऐसी ही पहल की मांग की, ताकि कांवड़ यात्रा में किसी भी ‘जिहादी साजिश’ को रोका जा सके।
कांवड़ यात्रा पर साध्वी की चिंता
साध्वी प्राची ने कहा कि कांवड़ यात्रा में लाखों शिव भक्त भक्ति में लीन हैं, लेकिन कुछ तत्व इस यात्रा को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि कुछ लोग ‘जिहादी मानसिकता’ के साथ इस यात्रा में घुसपैठ कर रहे हैं।
पुराने बयान की फिर याद दिलाई
साध्वी प्राची का यह बयान 2019 में दिए गए उनके बयान की भी याद दिलाता है, जब उन्होंने हरिद्वार में मुस्लिम कारीगरों द्वारा कांवड़ बनाने का विरोध किया था। तब बागपत प्रशासन ने मामले की जांच के आदेश दिए थे। उन्होंने यह भी कहा कि आजकल पारंपरिक कांवड़ों की जगह बड़े-बड़े स्टील के कलश श्रद्धा के बजाय दिखावे का प्रतीक बन गए हैं, जो कांवड़ की मूल भावना से हटते हैं।