नोएडा प्राधिकरण पर मंत्री नंद गोपाल नंदी के गंभीर आरोप,
सीएम योगी को लिखा पत्र
16 days ago
Written By: NEWS DESK
उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता 'नंदी' ने अपनी ही सरकार के अधीन काम कर रहे नोएडा विकास प्राधिकरण पर करोड़ों रुपये के भ्रष्टाचार का गंभीर आरोप लगाया है। मंत्री ने इस बाबत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर पूरे मामले में निष्पक्ष जांच और कार्रवाई की मांग की है। वहीं, शासन के उच्च पदस्थ सूत्रों ने मंत्री के आरोपों को निराधार बताया है।
एंबिएंस इंफ्रास्ट्रक्चर को फायदा पहुंचाने का आरोप
मंत्री नंदी ने अपने पत्र में उल्लेख किया है कि, नोएडा प्राधिकरण द्वारा 18 जुलाई 2007 को एंबिएंस इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी को एक भूखंड आवंटित किया गया था, जिसकी लीज डीड 11 साल बाद 2018 में की गई। आरोप है कि, कंपनी को गलत तरीके से जीरो पीरियड का लाभ दिया गया, जिससे उसे अर्थदंड और ब्याज से राहत मिल गई। इस प्रकार, कंपनी को 2007 की दर पर 2018 में जमीन आवंटित की गई।
भूखंड का ट्रांसफर और प्रीमियम वसूली का मामला
मंत्री ने यह भी कहा है कि, भूखंड आवंटन के बावजूद कंपनी ने न तो निर्माण के लिए नक्शा जमा किया और न ही सैकड़ों करोड़ की बकाया राशि चुकाई। उल्टा कंपनी ने भूखंड को एक तीसरी पार्टी को ट्रांसफर कर भारी प्रीमियम वसूला। जब इस पूरे मामले की शिकायत के बाद भूखंड का आवंटन निरस्त करने और कब्जा वापस लेने के निर्देश दिए गए, तब भी कोई कार्रवाई नहीं की गई।
सह-विकासकर्ता नीति के दुरुपयोग का आरोप
नंदी ने अधूरी पड़ी हाउसिंग परियोजनाओं में सह-विकासकर्ता नीति (Co-developer policy) के दुरुपयोग का भी मुद्दा उठाया है। उन्होंने कहा कि संबंधित शासनादेश 21 दिसंबर 2003 को जारी हुआ, जबकि 2022 और अप्रैल 2023 में ही भूखंड का ट्रांसफर और नक्शा पास करा लिया गया। बाद में इस प्रक्रिया को वैध दिखाने के लिए प्राधिकरण की बैठक के एजेंडे में शामिल किया गया। मंत्री ने दावा किया है कि, उक्त परियोजना में फ्लैटों की रजिस्ट्री की जा रही है, जो स्पष्ट रूप से नीतिगत नियमों के विरुद्ध है। यह पूरे मामले को और भी अधिक संदिग्ध बना देता है।
शासन का इनकार, सियासी हलकों में हलचल
हालांकि, शासन के उच्च अधिकारियों ने मंत्री द्वारा लगाए गए आरोपों को तथ्यविहीन और आधारहीन बताया है। उनका कहना है कि, पत्र में उठाए गए मुद्दों में वास्तविकता नहीं है। लेकिन जिस तरह मंत्री नंदी ने एक बार फिर सार्वजनिक रूप से प्रशासन पर सवाल खड़े किए हैं, उसने राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज कर दी है। यह पहली बार नहीं है जब मंत्री नंदी ने प्रशासनिक कार्यप्रणाली पर अपनी नाराजगी जाहिर की है। अब देखना यह होगा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस पत्र पर क्या रुख अपनाते हैं और क्या इस पूरे मामले की जांच के आदेश दिए जाते हैं या इसे एक और अंदरूनी मतभेद के रूप में नजरअंदाज किया जाएगा।