कांवड़ मार्ग पर 'गोपाल' निकला तजम्मुल,
पहचान अभियान में चौंकाने वाला खुलासा
23 days ago
Written By: संदीप शुक्ला
मुजफ्फरनगर जिले से कांवड़ यात्रा से पहले एक बड़ा और चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां कांवड़ मार्ग पर चलाए जा रहे पहचान अभियान के दौरान एक होटल कर्मचारी ने अपनी झूठी पहचान को लेकर सनसनीखेज खुलासा किया है। इस खुलासे ने प्रशासनिक और धार्मिक संगठनों की चिंता को और गहरा कर दिया है।
स्वामी यशवीर महाराज ने चलाया था पहचान अभियान
दरअसल, 28 जून को कांवड़ यात्रा से पहले स्वामी यशवीर जी महाराज द्वारा अपनी टीम के साथ दिल्ली–देहरादून हाईवे (एनएच–58) पर पहचान अभियान चलाया गया। इस दौरान टीम ने कांवड़ मार्ग पर स्थित ढाबों, होटलों और दुकानों पर पहुंचकर वहां कार्यरत लोगों के आधार कार्ड चेक किए और उनकी पहचान की पुष्टि करने का प्रयास किया।
पंडित जी वैष्णो ढाबे पर हुआ था विवाद
वहीं, इसी दौरान जब टीम पंडित जी वैष्णो ढाबे पर पहुंची तो वहां मौजूद कर्मचारियों ने आधार कार्ड दिखाने से इनकार कर दिया। टीम द्वारा जब ढाबे के QR कोड को स्कैन किया गया तो उसमें मुस्लिम मलिक का नाम सामने आया, जिससे माहौल गर्मा गया और विवाद की स्थिति बन गई। ढाबे के एक कर्मचारी ने अपना नाम 'गोपाल' बताया और आरोप लगाया कि टीम ने उसकी पैंट उतरवाने की कोशिश की।
असली नाम तजम्मुल निकला
वहीं, अब इस मामले में नया मोड़ तब आया जब मीडिया से बात करते हुए गोपाल ने खुद खुलासा किया कि, उसका असली नाम तजम्मुल है और वह बझेड़ी गांव का निवासी है। तजम्मुल ने बताया कि, होटल मालिक ने ही उसे ‘गोपाल’ नाम देने और हिन्दू प्रतीक चूड़ा पहनाने को मजबूर किया था ताकि वह कांवड़ मार्ग पर आसानी से काम कर सके।
होटल मालिक पर लगाए गंभीर आरोप
तजम्मुल ने कहा, “मुझसे कहा गया कि मैं पंडित जी का लड़का हूं और होटल मालिक ने मेरी पहचान छुपाने के लिए ही ये सब कराया। मुझे चूड़ा पहनाया गया और नाम बदल दिया गया ताकि मुझे पहचान न जाए।” उसने यह भी आरोप लगाया कि टीम ने उसकी पैंट उतारी और अन्य कर्मचारियों के साथ मारपीट भी की। घटना के बाद पुलिस ने स्वामी यशवीर जी महाराज की टीम के छह सदस्यों को नोटिस भेजा था।
अभियान की जरूरत पर फिर उठा सवाल
वहीं, इस मामले के खुलासे के बाद यह स्पष्ट होता है कि कांवड़ यात्रा के दौरान कई लोग अपनी पहचान छुपाकर संवेदनशील रूट पर व्यापार कर रहे हैं। यही वजह है कि, स्वामी यशवीर महाराज की टीम ने पहचान अभियान चलाया था।
क्या बोला तजम्मुल ?
वहीं उसने बताया कि, “मेरा असली नाम तजम्मुल है, लेकिन होटल वालों ने मुझे ‘गोपाल’ कहकर रखा था। मुझे चूड़ा पहनाया गया, झूठी पहचान दी गई। जब टीम आई, तो मेरी पैंट उतारी गई और मुझसे मारपीट हुई। मैं केवल एक महीना ही उस होटल में काम कर रहा था। मैं झूठ नहीं बोलूंगा, जो सच है, वही बता रहा हूं।”