अखिलेश यादव को एमके स्टालिन ने दी जन्मदिन की बधाई,
वीपी सिंह के पोस्टर के साथ दिया ‘सामाजिक न्याय’ का संदेश
25 days ago
Written By: NEWS DESK
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव मंगलवार को अपना 52वां जन्मदिन मना रहे हैं। इस अवसर पर उन्हें देशभर के राजनीतिक नेताओं, शुभचिंतकों और समर्थकों की ओर से लगातार बधाई संदेश मिल रहे हैं। इसी कड़ी में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने भी उन्हें बधाई देते हुए ऐसा संदेश दिया है, जो केवल शुभकामनाओं तक सीमित नहीं है, बल्कि राजनीतिक प्रतीकों और विचारधारा के साथ एक गहरा सामाजिक संदेश भी समेटे हुए है। जिसके बाद इस सिम्बल पालिटिक्स को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं शुरू हो गई हैं।
वीपी सिंह के पोस्टर के साथ बधाई
दरअसल, एमके स्टालिन ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर अखिलेश यादव को जन्मदिन की बधाई दी। उन्होंने लिखा, “उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं। आप प्रगतिशील राजनीति का मार्ग प्रशस्त करते हुए वीपी सिंह की भूमि पर सामाजिक न्याय की मशाल को आगे ले जाएं और अपने पिता मुलायम सिंह यादव की गौरवशाली विरासत में प्रतिगामी विचारधाराओं के खिलाफ और अधिक मजबूती से खड़े हों।” स्टालिन के इस संदेश के साथ साझा की गई तस्वीर में अखिलेश यादव और स्टालिन एक साथ नजर आ रहे हैं, और पीछे पूर्व प्रधानमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह का पोस्टर साफ दिखाई दे रहा है। यही दृश्य इस पूरी शुभकामना को सिंबल पॉलिटिक्स (प्रतीकों की राजनीति) की एक सशक्त मिसाल बना रहा है।
वीपी सिंह और मंडल राजनीति की विरासत
गौरतलब है कि, पूर्व प्रधानमंत्री वीपी सिंह ने अपने कार्यकाल के दौरान मंडल कमीशन की सिफारिशें लागू की थीं, जिसके तहत ओबीसी वर्ग को सरकारी नौकरियों में आरक्षण का लाभ मिला। यह निर्णय भारतीय राजनीति में एक निर्णायक मोड़ था, जिसने कई राज्यों में सामाजिक समीकरण और सत्ता की दिशा बदल दी। आज लगभग 35 साल बाद, देश में जातीय जनगणना की मांग फिर से राष्ट्रीय बहस का केंद्र बन चुकी है। समाजवादी पार्टी और अन्य विपक्षी दलों का कहना है कि, जातीय जनगणना मंडल आयोग की भावना को आगे ले जाने का अगला कदम है।
अखिलेश यादव और जातीय जनगणना की मांग
बताते चलें कि, अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 से पहले ही जातीय जनगणना की मांग को प्रमुखता से उठाना शुरू कर दिया था। साल 2024 के लोकसभा चुनावों के दौरान भी उन्होंने इसे अपना बड़ा चुनावी मुद्दा बनाया और लगातार इसे लेकर केंद्र सरकार पर दबाव बनाया। INDIA गठबंधन के अन्य दलों, विशेष रूप से स्टालिन की पार्टी डीएमके, ने भी इस मुद्दे को मजबूती से उठाया, जिसके चलते अब केंद्र सरकार ने जातीय जनगणना कराने की बात स्वीकार की है। विपक्ष का दावा है कि, यह फैसला विपक्ष के दबाव का ही परिणाम है।
राजनीतिक गठबंधन और निजी समीकरण
अखिलेश यादव और एमके स्टालिन के बीच राजनीतिक रिश्तों के साथ निजी तालमेल भी मजबूत माना जाता है। दोनों नेता कई बार एक ही मंच पर एक साथ नजर आ चुके हैं और INDIA गठबंधन के प्रमुख रणनीतिकारों में शामिल हैं।